गिरिडीह स्टेशन रोड स्थित गुरुद्वारा में श्री गुरु सिंह सभा के सिखों ने शुक्रवार को अमृतसर के संस्थापक और सिख धर्म के चतुर्थ गुरु धन गुरु रामदास जी का 487वां प्रकाश पर्व मनाया। इस दौरान धनबाद के रागी भाई देवेन्द्र सिंह निरोल ने गुरु राम दास जी के रचित भजन का शबद-कीर्तन किया। उन्होंने गुरु राम दास जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उन्होंने 30 रागों में वाणी की रचना की व 638 भजनों का लेखन किया। बताया कि 1577 में अमृत सरोवर नामक नए नगर की स्थापना की, जो आगे चलकर अमृतसर के नाम से प्रसिद्ध हुआ।
प्रकाश पर्व के मौके पर गुरुद्वारा के प्रधान सेवक सरदार गुणवंत सिंह मोंगिया, सचिव नरेन्द्र सिंह सम्मी, सरदार चरणजीत सिंह, गुरभेज सिंह ,सरदार अमरजीत सिंह सलूजा, देवेन्द्र सिंह, राजेन्द्र सिंह, मनजीत सिंह समेत काफी संख्या में सिख समाज के महिला पुरूष व बच्चे समेत गणमान्य लोग शामिल हुए। शबद कीर्तन के उपरांत अरदास एवं गुरू का अटूट लंगर आयोजित किया गया जिसमें लोगों ने लंगर का प्रसाद ग्रहण किया।