गिरिडीह पुलिस ने साइबर अपराधियों के खिलाफ चलाए जा रहे हैं अभियान में एक बार फिर से सफलता हासिल की है. इस बार पुलिस ने 9 ऐसे शातिर साइबर अपराधियों को गिरफ्तार करने में सफलता पाई है जो लोगों को नौकरी दिलाने का झांसा देते थे और फर्जी बजाज फाइनेंस कम्पनी का कर्मी बनकर, वर्क फॉर होम का झांसा देकर और सेक्सटॉर्शन करने व एस्कॉर्ट सप्लायर बनकर पैसे करने का काम करते थे. पुलिस ने जिन साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है
उसमें जमुआ थाना क्षेत्र के भूपतडीह का रहने वाला चंदन कुमारज़ मोती कुमार साह, हीरोड़ीह थाना क्षेत्र के चुंगलखार का शैलेंद्र कुमार सिंह, देवरी थाना क्षेत्र का अभिषेक कुमार मिश्रा, सरिया थाना क्षेत्र के नगर केशवारी का राजू मंडल, विकास कुमार मंडल, डुमरी थाना क्षेत्र के जामतारा का मो. सिराज, जमुआ थाना क्षेत्र के परगोडीह का सिकंदर कुमार राय और हजारीबाग जिला के गोरहर थाना क्षेत्र का दीपक कुमार शामिल है.
इन साइबर अपराधियों के पास से पुलिस ने 25 मोबाइल फोन, 28 सिम कार्ड, 23 एटीएम कार्ड, 17 बैंक पासबुक, 4 पैन कार्ड और 13 आधार कार्ड बरामद किए है. उक्त आशय की जानकारी गिरिडीह के एसपी दीपक कुमार शर्मा ने दी. उन्होंने बताया कि प्रतिबिंब पोर्टल के माध्यम से लगातार सूचना मिल रही थी कि जिले के विभिन्न थाना क्षेत्र में साइबर अपराधी अलग-अलग तरीकों से लोगों को चूना लगाने का काम कर रहे है.
इसी के बाद डुमरी एसडीपीओ सुमित प्रसाद के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया जिसमें प्रशिक्षु डीएसपी कैलाश महतो, साइबर थाना प्रभारी अजय कुमार, पुलिस निरीक्षक ज्ञान रंजन कुमार, पुअनि गौरव कुमार, सावन कुमार साहा, सअनि संजय मुखियार, गजेंद्र कुमार, सौरभ सुमन, साकेत और जितेंद्र नाथ महतो को शामिल किया गया. इसके बाद पुलिस की टीम ने अलग-अलग थाना क्षेत्र में छापेमारी कर कुल 9 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार करने में सफलता पाई है. एसपी ने बताया कि पूरे गिरोह का मास्टरमाइंड चंदन कुमार है
जो बजाज का फाइनेंस कंपनी का फर्जी बैंक कर्मी बनकर लोगों को ठगने का काम करता था, साथ ही इसके नेतृत्व में जितने भी साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी हुई है वह काफी नए तरीके से लोगों को चूना लगाने का काम कर रहे थे. बताया कि ये सभी साइबर अपराधी लोगों को नौकरी का झांसा देकर, गूगल पर अपना नम्बर अलग-अलग कम्पनियों के साइट पर पंच कर के कॉल आने पर सेक्सटॉर्शन करने एवं स्कॉट सप्लायर बनाकर पैसे ठगी करते थे. इसके अलावे ये लोग लोगों को वर्क फॉर फ्रॉम होम का झांसा देकर फर्जी सिम के माध्यम से लोगों को चूना लगाने का काम करते थे.