गिरिडीह झारखण्ड

बेटी ने बेटा बन पिता का किया श्राद्ध कर्म, समाज ने भी दिया सम्मान

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आमतौर पर माना जाता है कि किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद पुत्र के नहीं रहने पर अन्य पुरुष रिश्तेदार मुखाग्नि देते हैं और श्राद्ध कर्म करते हैं. मगर बिहार में एक बेटी ने सामाजिक कुप्रथा को तोड़ते हुए मिसाल दी है. पिता की मृत्यु के बाद एक पुत्री ने अंतिम संस्कार के वो सभी नियम किए जिसे पारंपरिक और धार्मिक मायनों में पुत्रों का अधिकार माना जाता है.

जी हां, बिहार के एतिहासिक वैशाली जिले में एक पुत्री ने समाज को अनोखा संदेश दिया है. जिले के गौरौल प्रखंड की रहने वाली युवती अनमोल मोती ने न सिर्फ अपने पिता का अंतिम संस्कार किया, बल्कि सम्पूर्ण विधि विधान के साथ श्राद्ध कर्म भी किया. इस पहल की चर्चा सोशल मीडिया पर भी खूब हो रही है.