गिरिडीह झारखण्ड धर्म

श्रद्धापूर्वक मनाई गई गुरू अर्जन देव जी का शहीदी दिवस, गुरुद्वारा के बाहर लगाई गई छबील

Share This News

सिखों के पांचवे गुरू गुरू अर्जन देव जी का 417 वां शहीदी दिवस गिरिडीह के स्टेशन रोड स्थित गुरूद्वारा गुरूसिंह सभा में श्रद्धापूर्वक मनाया गया। इस दौरान पिछले बुधवार से चल रहे अंखड़ पाठ का समापन हुआ। शहीदी दिवस को लेकर 40 दिनों तक स्टेशन रोड स्थित गुरुद्वारा में स्त्री सत्संग के द्वारा सुखमणि साहिब के पाठ का आयोजन किया गया।

गुरुपूरब को लेकर रविवार को अखंड पाठ रखा गया था जिसका समापन आज मंगलवार को शहीदी दिवस के दिन हुआ। इस दौरान देहरादून के रागी जत्था भाई हरप्रीत सिंह के द्वारा भजन कीर्तन प्रस्तुत किया गया। इस संबंध में गुरूद्वारा गुरूसिंह सभा के प्रधान डॉ.गुणवंत सिंह मोंगिया ने कहा कि गुरू अर्जन देव जी को शहीदों का का सरताज कहा जाता है।

उन्होंने बताया कि 30 मई 1606 ई. को मुगल शासक जहांगीर ने गुरू अर्जन देव जी की बढ़ती लोकप्रियता व प्रचार से सिखों के खालसा पंथ का तेजी से विस्तार देख जहांगीर सहन न कर सका, जिसके कारण उसने भीषण गर्मी के दौरान याशा व सियासत कानून के तहत लोहे की गर्म तवे पर बैठाकर शहीद करने का हुक्म सुनाया।

इस दौरान गुरू जी को इस भीषण गर्मी में तपते तवे पर बैठाकर उनके शीश पर गर्म-गर्म रेत डाली गई, जिसके कारण उनका पूरा शरीर जल गया। उसके बाद गुरू जी को ठंडे पानी वाली रावी दरीया में नहाने के लिए भेजा गया जहां गुरूजी का पावन शरीर रावी में आलोक हो गया। जहां गुरू जी की ज्योति ज्योत समाई। उसी स्थान पर लाहौर में रावी नदी के किनारे गुरूद्वारा डेरा साहेब का निर्माण कराया गया, जो अब पाकिस्तान में है। शहीदी दिवस के अवसर पर गुरूद्वारा के बाहर छबील का आयोजन किया गया । जिसमें आते जाते राहगीरों को मीठा ठंडा शरबत पिलाया गया। भजन कीर्तन और अरदास के तत्पश्चात लंगर का आयोजन किया गया। जिसमें सिख समाज के अलावा अन्य समाज के लोगों ने भी हिस्सा लिया। मौके पर प्रबंधक कमिटी के सचिव नरेंद्र सिंह सलूजा उर्फ सम्मी चरणजीत सिंह सलूजा, परमजीत सिंह दुआ, राजेंद्र सिंह, अमरजीत सिंह सलूजा, देवेंद्र सिंह, अनमोल सलूजा, गुरमीत सिंह ,गुरदीप सिंह बग्गा, कुशल सलूजा, गोगी मारवा, गुरवंत सिंह मारवा, मिंकल सिंह, रोमल सिंह, संदीप सिंह, काकू सिंह, नवजोत अरोड़ा, समेत समाज के सभी महिला-पुरुष व बच्चे मौजूद थे।