हिंदू धर्म में संतान सुख और उनकी मंगल कामना पूरी करने के लिए कई व्रत किये जाते हैं। जिसमें जीवित्पुत्रिका व्रत एक है। आम भाषा में इस व्रत को जितिया या जिउतिया व्रत भी कहा जाता है। हर साल आश्विन माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को जितिया व्रत रखा जाता है।
जितिया व्रत 6 अक्टूबर 2023, शुक्रवार के दिन है। इस दिन सुहागिन महिलाएं संतान प्राप्ति के लिए और माताएं संतान की उन्नति और सुख समृद्धि के लिए व्रत करती हैं। ये व्रत 5 अक्टूबर से शुरू होगा और 7 अक्टूबर तक चलेगा। 5 अक्टूबर को नहाय खाय किया जाएगा और फिर 6 अक्टूबर को निर्जला व्रत रखकर 7 अक्टूबर को व्रत का पारण होगा।
मान्यता है कि ये व्रत महाभारत के समय से रखा जाता आ रहा है। महाभारत में जब द्रोणाचार्य का वध हो गया था तो उनके बेटे अश्वत्थामा ने आक्रोशित होकर ब्रह्मास्त्र चला दिया था। जिससे अभिमन्यु की पत्नी उत्तरा के गर्भ में पल रहा शिशु नष्ट हो हो गया। अभिमन्यु की पत्नी ये ये व्रत किया और इसके बाद, श्रीकृष्ण ने शिशु को फिर जीवित कर दिया। इस वजह से इसका नाम ‘जीवित्पुत्रिका’ रखा गया था। तभी से महिलाएं अपने बच्चे की दीर्घायु के लिए और संतान प्राप्ति के लिए ये व्रत करती हैं। जिससे संतान के जीवन में सुख शांति और समृद्धि बनी रहती हैं।