मंईयां सम्मान योजना का सत्यापन शुरू हो गया है। सत्यापन के दौरान रोज नए खुलासे हो रहे हैं। लगातार गड़बड़ियां मिल रही हैं। हेमंत सोरेन सरकार के निर्देश पर लाभुकों के सत्यापन का कार्य जिलास्तर पर चल रहा है। लाभुकों के सत्यापन के लिए कर्मचारी घर-घर जा रहे हैं और जानकारी ले रहे हैं।
जिलों में चल रहे सत्यापन के दौरान कई ऐसे मामले सामने आये हैं जिसमें अपात्र लाभुकों ने राशि ले ली है। इनमें वैसी लाभुक भी शामिल हैं जिनके पति सरकारी नौकरी कर रहे हैं। इसके अलावा वैसे कर्मी जो मानदेय और संविदा पर कार्यरत हैं, उनकी पत्नी ने भी इस योजना का लाभ लिया है।
रांची जिले में आवेदन के सत्यापन के दौरान जो मामले सामने आये हैं, उनमें वैसे कर्मी जिन्हें मानदेय मिलता है या फिर संविदा पर कार्यरत कर्मी की पत्नी सबसे अधिक हैं। आंगनबाड़ी सेविका, पोषण सखी, जल सहिया, होमगार्ड ने भी इसका लाभ लिया है। कुछ महिला लाभुक ऐसी भी हैं, जिनके पति सरकारी नौकरी करते हैं या फिर इनकम टैक्स के दायरे में आते हैं।
बता दें कि मंईयां योजना का लाभ लेने के लिए निर्धारित शर्त के अनुरूप आवेदन करनेवाली महिला का पति या वह खुद केंद्र सरकार, राज्य सरकार का कर्मी नहीं हो। इसके अलावा राज्य के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, विधिक निकाय, शहरी निकाय या सरकार से सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थान में नियमित/स्थायी कर्मी/संविदा कर्मी/मानेदय कर्मी के रूप में नियोजित नहीं हो। सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन/पारिवारिक पेंशन प्राप्त नहीं करती हो। इसके अलावा वैसी कर्मी जो इपीएफ खाताधारी हैं, वह भी इस योजना का लाभ नहीं ले सकती है।