लोक आस्था के महापर्व चैती छठ का चार दिवसीय अनुष्ठान आज 16 अप्रैल को नहाय-खाय के साथ शुरू हो रहा है। नेम निष्ठा का यह पर्व चैत मास शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से शुरू होता है। 17 अप्रैल शनिवार को खरना, 18 अप्रैल रविवार को षष्ठी तिथि पर सूर्यदेव को पहला अर्घ्य दिया जाएगा। 19 अप्रैल सोमवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य के साथ चैती छठ महापर्व का समापन होगा। हालांकि कोरोना के कारण अधिकांश लोग अपने-अपने घरों में ही अर्घ्य देने की तैयारी में जुटे हैं। लेकिन फिर भी छठ घाट पर जाने को लेकर किसी भी प्रकार की सरकारी गाइडलाइन जारी नहीं की गई है।
छठ पूजा मुख्य रूप से प्रत्यक्ष देव भगवान भास्कर की उपासना का पर्व है। मान्यता है कि छठ पर्व में सूर्योपासना करने से छठ माता प्रसन्न होती है। परिवार में सुख, शांति व धन-धान्य से परिपूर्ण करती है।
इस बार भी कोरोना संक्रमण का खतरा लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में शहर में कई व्रति सतर्कता बरतते हुए छठ की तैयारी शुरू कर दी हैं। वहीं, कई लोग इस बार स्थिति को देखते हुए छठ नहीं करने का निर्णय लिया है। इधर पूरे राज्य में गरमी भी तेवर में है, किसी किसी जिले में तापमान 41 से 42 डिग्री तक पहुंच गया है।