गिरिडीह झारखण्ड

गिरिडीह में मनाई गई कथाकार मुंशी प्रेमचंद की जयंती, वीर शहीद उधम सिंह व पार्श्व गायक मो रफ़ी की पुण्यतिथि

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जमुआ :- विकाश यादव

जमुआ प्रखंड क्षेत्र के ग्राम पंचायत पोबी प्रज्ञा केन्द्र में राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं अपराध नियंत्रण ब्यूरो ,जनसंगठन जन जन की आवाज़ के तत्वावधान में हिंदी साहित्य के महानतम कथाकार मुंशी प्रेमचंद की जयंती ,वीर शहीद उधम सिंह व प्रसिद्ध पार्श्व गायक मो रफ़ी की पुण्यतिथि सदा समारोह में मनाई गई। तीनो कालजयी महापुरुष के तस्वीर पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन कर हार्दिक कृतज्ञ, भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित किया गया। ब्यूरो के जिला संयुक्त सचिव , बीसी वीएलई ,जनसंगठन के केंद्रीय प्रवक्ता योगेश कुमार पाण्डेय ने तीनो कालजयी महापुरुषों के जीवनी ,आदर्शो का वर्णन करते हुए कहा कि 31 जुलाई 1980 को हिंदी साहित्य को वो हीरा मिला जो अपने कलम की जादू के बूते चिर काल तक दमकते रहेंगें।

उधम सिंह 13 अप्रैल 1919 को अमृतसर में हुए जलियांवाला बाग हत्याकांड से काफी मर्माहत थे उन्होंने इसका बदला लिया । अंग्रेज उधम सिंह से अत्यधिक भयभीत थे 31 जुलाई को जेल में ही फाँसी पर लटका कर कब्र बना दिया। पार्श्व गायक मो रफ़ी के सदाबहार गीतों की दीवानी पूरी दुनिया है। आजसू नेता शंकर यादव ने कहा कि कहा वीर शहीद उधम सिंह अपनी बलिदानी से राष्ट्रभक्ति जगा गये, मुंशी प्रेमचंद की कलम की जादू ने साहित्यिक लगाव व प्रसिद्ध गायक मो रफ़ी ने अपनी तरन्नुम जादुई आवाज़ से संगीत के प्रति अभिरुचि जगा कर अमिट छाप छोड़ गये। कालजयी,अविस्मरणीय रहेंगे। आधुनिकता के कारण साहित्य के प्रति लोगो की अभिरुचि कम हो रही है। एप्प के माध्यम से ज्ञान में वृद्धि कर सकते है। हमारा देश का सभ्यता,संस्कृति,साहित्य समृद्ध है। संत,महात्मा,महापुरुषों की जयंती,पुण्यतिथि मनाने से आदर्शो को बल मिलता है। विवेकानंद प्रसाद धीरज,राजेन्द्र राम,नंदकिशोर पाण्डेय,विजय पाण्डेय,पवन कुमार सिन्हा तितु,रिंकू राम,राजा कुमार राम,रजनीश कुमार पाण्डेय सहित अन्य मौजूद थे।