गिरिडीह झारखण्ड

नल जल योजना के बावजूद पंचायतों में वाटर टॉवर लगाने के औचित्य पर सवाल

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जमुआ:- विकाश यादव

जमुआ में जल नल योजना के तहत हर गांव में स्वच्छ पेयजल पहुंचाने की योजना पर पेयजल स्वच्छता विभाग कार्य कर रहा है।बावजूद हर पंचायत में 15वीं वित्त से जल का टावर लगवाने की होड़ देखी जा रही है।14वीं वित्त से जमूआ में तकरीबन डेढ़ सौ वाटर टॉवर लगाए गए जिसमे 70 फीसदी बन्द और बेकार हैं या रख रखाव के अभाव में बेमरम्मत हैं। बता दें कि एक टॉवर लगाने के पीछे 3 लाख 86 हजार की लागत है।जिसमे 25 से 30 फीसदी सामग्री आपूर्तिकर्ता द्वारा मुखिया को भुगतान अग्रिम किया जाता है।वॉटर टॉवर जो बनाये गए हैं उनकी वास्तविक लागत डेढ़ लाख होगी पर 3 लाख 86 हजार का स्टीमेट कोस्ट है।

इस बाबत जमुआ के बी डी ओ अशोक कुमार ने कहा जल नल योजना ही कारगर है।जल टॉवर लगाने की योजना ज्यादा नही करनी चाहिए।जहां नितांत जरूरी हो वहीं इसे किया जा सकता है।