बीती रात छपरा (बिहार) के एक मजदूर चंद्रिका यादव (45 वर्ष) की अजीडीह स्थित शैलपुत्री आयरन स्टील फैक्ट्री परिसर के अंदर अपने क्वार्टर के समीप गिरकर घायल होने के बाद मौत हो गई। पता चला कि, वह ड्यूटी पर नहीं था और अपने सहयोगियों के साथ फैक्ट्री के भीतर ही विश्वकर्मा पूजा समारोह में शामिल था। इसी क्रम में अचानक लड़खड़ा कर गिर जाने से उसकी स्थिति बिगड़ गई और उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।
परिजनों को सूचना दी गई तो वे आज सुबह सदर अस्पताल पहुंचे और घटना की जानकारी लेने के बाद उन्होंने फैक्ट्री प्रबंधन से मुआवजे की मांग करने लगे। उन्होंने इसकी सूचना माले को भी दी जिसके बाद राजेश यादव, राजेश सिन्हा, उज्जवल साव, मनोज यादव आदि सदर अस्पताल पहुंचे और परिजनों के साथ मुआवजे को लेकर दबाव बनाना शुरू कर दिया।
लेकन मजदूर की मौत ऑन ड्यूटी नहीं होने के कारण फैक्ट्री प्रबंधन मुआवजा देने से इनकार कर गया। तब इसे लेकर श्रम विभाग के लोगों से संपर्क किया गया तो उन्होंने भी ऑन ड्यूटी डेथ नहीं होने की कंडीशन में डेथ कंपनसेशन नहीं मिलने की बात कही।
लेकिन माले नेता मजदूर के उस फैक्ट्री में कार्यरत रहने से संबंधित जरूरी दूसरे डॉक्यूमेंट प्रस्तुत करने को लेकर फैक्ट्री प्रबंधन पर दबाव बनाना शुरू किए तो धीरे-धीरे परिजनों और प्रबंधन के बीच वार्ता होकर कुछ मुहावजे की सहमति बन सकी।
समझौते के अनुसार मृतक चंद्रिका यादव की पत्नी इंदु देवी के नाम से ₹2,00,000/- का चेक दिया गया तथा ₹50,000/- नगद राशि देने के अलावा शव को पोस्टमार्टम कराने से लेकर उनके पैतृक गांव पहुंचाने की जिम्मेदारी कंपनी के ऊपर तय की गई।
लिखित समझौते तथा समझौते के अनुसार भुगतान करने के बाद शव का पोस्टमार्टम हुआ जिसके बाद उसके परिजन शव के साथ बिहार रवाना हो गए।
इधर, भाकपा माले की ओर से फैक्ट्री में काम करने वाले सभी मजदूरों से संबंधित जरूरी दस्तावेज दुरुस्त करवाने और ऐसा नहीं करने वाले फैक्ट्रियों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग प्रशासन से की है।