तत्कालीन बिहार और अब के झारखंड में कई ऐसी जगहें हैं, जहां से आजादी की लड़ाई का जुड़ाव रहा है। ऐसी ही जगहों में से एक है, धनबाद के झरिया का भागा स्टेशन। धनबाद के झरिया में नेताजी ने अंग्रेजों को चकमा दे दिया और बचकर भाग निकले। उसी वाकये की याद में स्टेशन का नाम भागा रखा गया। गोमो से गुम होने के बाद नेताजी धनबाद के झरिया पहुंचे, तो अंग्रेज सिपाही उनका पीछा करते हुए यहां भी पहुंच गए।
लेकिन यहां भी नेताजी ने अंग्रेजों को चकमा दे दिया और बचकर भाग निकले। उसी वाकये की याद में स्टेशन का नाम भागा रखा गया। दरअसल नेताजी सुभाष चन्द्र बोस को स्वतंत्रता संग्राम में मदद पहुंचाने वाले धनबाद के कई मजदूर नेता थे। ट्रेड यूनियनों की शुरुआत झरिया में हुई थी, जिन्होंने कोलयारी क्षेत्रों में अंग्रेज़ों के खिलाफ मज़दूरों की हक की लड़ाई लड़ी। अंग्रेज़ों के विरुद्ध यूनियनों को संगठित करने का काम नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ने ही किया था।