गिरिडीह झारखण्ड

घर-घर यज्ञ, घर-घर संस्कार कार्यक्रम के तहत गायत्री परिवार द्वारा सिहोडीह में अन्नप्राशन एवं नामकरण संस्कार का आयोजन

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घर-घर यज्ञ ,घर-घर संस्कार कार्यक्रम के तहत अखिल विश्व गायत्री परिवार गिरिडीह के द्वारा आज सिहोडीह में अन्नप्राशन एवं नामकरण संस्कार संपन्न हुआ। गायत्री तीर्थ शांतिकुंज हरिद्वार के द्वारा पूरे भारतवर्ष में संस्कारों की परंपरा को पुनर्जीवित करने के लिए यह अभियान चलाया जा रहा हैl मनुष्य के जन्म से लेकर के मृत्यु तक 16 प्रकार के संस्कार होते हैं।

इस अवसर पर गायत्री महायज्ञ के दौरान उर्मिला बरनवाल ने कहा कि मनुष्य को अपने बच्चों का गुणवाचक नाम रखना चाहिए साथ ही भोजन में हम सबको सात्विक भोजन करना चाहिए कहां की आज संस्कार के अभाव में हमारे बच्चे नशे का शिकार हो रहे हैं और स्वास्थ्य को हानि पहुंचाने वाले पदार्थों का सेवन कर रहे हैं।
इस अवसर पर मनुष्य देवता बने बने यह धरती स्वर्ग समान यही संकल्प हमारा गीत गाकर पूनम गुप्ता ने उपस्थित जनसमुदाय को जागृत किया। अंत में मनुष्य मात्र के उज्जवल भविष्य हेतु वेद मंत्र गायत्री, महामृत्युंजय मंत्र एवं अन्य वैदिक मंत्रों सेआहुतिया प्रदान की गई।

आज के कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रकाश गुप्ता ,दयानंद प्रसाद ,सतीश प्रसाद , बरनवाल संध्या कुमारी, जयप्रकाश राम का योगदान रहा।