गिरिडीह झारखण्ड

मूंग के अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन के अंतर्गत किसानों को मूंग की खेती का दिया गया प्रशिक्षण

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स्वयंसेवी संस्था रूद्रा फाउंडेशन के माध्यम से नाबार्ड संपोषित FPO न्यू फ्रेश किसान उत्पादक कम्पनी लिमिटेड के कार्य क्षेत्र गांडेय प्रखंड के अहलियापुर में कृषि विज्ञान केंद्र गिरिडीह द्वारा मूंग के अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन के अंतर्गत 30 किसानों को मूंग की खेती का प्रशिक्षण दिया गया। इसके बाद किसानों को कृषि विज्ञान केंद्र , बेंगाबाद , गिरिडीह द्वारा मूंग उत्तम प्रभेद के बीज एच यू एम 16 फफूंद नाशक कीटनाशक एवं जिंक वितरित किया गया उनमें डाले जाने वाले पदार्थों का नि:शुल्क वितरण किया गया। ज़िले में नाबार्ड संपोषित FPO के माध्यम से गर्मी के मौसम में मूंग की खेती को बढ़ावा देने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा यह कार्यक्रम किया गया है।

बिरसा कृषि विश्वविद्यालय , रांची के सहयोग से कृषि विज्ञान केंद्र में कलस्टर अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के अंतर्गत न्यू फ्रेश किसान उत्पादक कम्पनी लिमिटेड, अह्लियापुर के 30 कृषकों को मूंग की खेती का प्रशिक्षण दिया गया। कृषि वैज्ञानिक डा. देवकांत प्रसाद ने विस्तार से उर्वरक प्रबंधन एवं सिंचाई के बारे में किसानों को जानकारी देते हुए कहा कि मूंग की फसल किसानों के लिए लाभदायक हो सकती है। इसके लिए किसानों को खेतों को अच्छी तरह से तैयार करना है। वैज्ञानिक ने किसानों को रोग एवं बीमारियों के बारे में भी जानकारी दी और इससे छुटकारा पाने के लिए उन्हें उपाय भी बताए गए।
कृषि वैज्ञानिक डा. देवकांत प्रसाद ने किसानों को तकनीकी जानकारी भी प्रदान की। बाद में कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा सभी 30 कृषकों को प्रदर्शन के लिए मूंग का बीज, जिंक सल्फर, 25-25 ग्राम बावस्टीन, 12-12 ग्राम स्टेप्टो, इत्यादि प्रदान किया गया। उन्हें इसके प्रयोग के विषय में भी बताया गया।

नाबार्ड के जिला विकास प्रबन्धक श्री आशुतोष प्रकाश ने कहा की कृषि विज्ञान केंद्र 10 हेक्टेयर के लिए गर्मी की मूंग का बीज उपलब्ध करा रहा है। इस वर्ष जिन किसानों के पास पानी है वह मूंग की खेती कर एक वर्ष में एक ही खेत से तीन फसल लेकर लाभ कमा सकते हैं।
रुद्रा फाउंडेशन से सचिव सैयद सबीह अशरफ ने बताया किसानों को गर्मी के लिए मूंग को एक विकल्प के रूप में चुनना चाहिए क्योंकि चावल और गेंहू के फसल चक्र को प्रभावित किए बिना गर्मी में मूंग उत्पादन से उन्हें अतिरिक्त उपज और आर्थिक लाभ मिलेगा। इस प्रशिक्षण में लखपत पंडित , नरेश वर्मा , बासुदेव पंडित , कामदेव सोरेन , मिथलेश पंडित आदि किसान उपस्थित रहे।