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एआईसीसीटीयू ने सरकार से राशन, रोजगार और मुआवजे की मांग की।

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भाकपा माले समर्थित ट्रेड यूनियन ‘एआईसीसीटीयू’ ने आज ‘मांग दिवस’ के तहत सरकार से कोविड से प्रभावित लोगों तथा खासकर गरीबों के लिए पर्याप्त राशन, रोजगार तथा मृतकों के लिए मुआवजे की मांग की।
यूनियन के द्वारा आज देश के पैमाने पर उपरोक्त मांग केंद्र सरकार से की गई है। वहीं, अलग-अलग राज्य सरकारों से भी अपने राज्यों के अधीन पर्याप्त व्यवस्था करने की मांग की गई।
इस कार्यक्रम के तहत आज गिरिडीह में एआईसीसीटीयू के राष्ट्रीय पार्षद सह माले नेता राजेश कुमार यादव तथा माले के गिरिडीह विधानसभा प्रभारी राजेश सिन्हा ने तख्तियां लेकर सरकार के समक्ष अपनी मांगों को रखा।
माले नेताओं ने कहा कि आज कोविड से सामना करने के इस दौर में गरीबों की स्थिति भयावह हो गई है। इस स्थिति के लिए पूरी तरह से केंद्र सरकार जिम्मेवार है।
मौजूदा वक्त गरीबों को राशन और रोजगार की जरूरत है। इसलिए सरकार तत्काल सभी गरीब परिवारों के लिए प्रति व्यक्ति 10 किलो के हिसाब से पर्याप्त राशन, दाल, तेल, चीनी आदि उपलब्ध कराए। साथ ही, गरीबों के रोजगार की गारंटी के लिए ग्रामीण तथा शहरी इलाके में मनरेगा के तहत कम-से-कम 200 दिनों का काम ₹500 मजदूरी की दर से उपलब्ध कराने की व्यवस्था करे। उन्होंने कहा कि कोरोना से हो रही मौत के लिए सरकार जिम्मेवार है, इसलिए हर मृतक के आश्रित को सरकार मुआवजा भुगतान करे।
इस बाबत जारी प्रेस बयान में माले नेताओं ने कहा कि अभूतपूर्व महामारी संकट के इस दौर में ना सिर्फ केंद्र सरकार की गलत नीतियों ने देश की जनता की जान जोखिम में डाल दी, बल्कि खतरे का आगाज होने के बावजूद भी इसे गंभीरता से नहीं लिया गया। परिणामतः मृतकों की संख्या जहां 3 लाख पहुंचने वाली है, वहीं पूरी दुनिया में संक्रमण के मामले में भी हमारा देश तेजी से पहले नंबर की तरफ जा रहा है।
कहा कि, केंद्र सरकार देश की जनता का कोविड का टीकाकरण भी सही तरीके से नहीं करवा पा रही है। सरकार की गलत नीतियों के कारण ही इसे लेकर जागरूकता फैलने के बजाय भ्रम की स्थिति पैदा हुई है।
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