गिरिडीह: किसी की साँसों की डोर न टूटे, इसलिए दिव्यांग होकर भी दिन रात दौड़ रहे आकाश
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पैरों से दिव्यांग होने के बावजूद कोरोना काल में गिरिडीह के राजेंद्र नगर निवासी आकाश सिंह आम लोगों के लिए मिसाल पेश कर रहे हैं, कोरोना के इस दौड़ में, जब अपने भी अपनों से दूरी बनाने लगे हैं l संसाधनों की किल्लत के बीच, राजेन्द्र नगर निवासी कोविड मरीजों के लिए, एक उम्मीद बनकर उभरे हैं lकिसी की साँसों की डोर न टूट जाये, इसलिये एक फोन कॉल पर लोगों को ऑक्सीजन सिलेंडर, दवा व भोजन की व्यवस्था कर रहे हैं।
पैर से दिव्यांग होने के बावजूद आकाश अपनी बाइक पर दिन रात जरूरतमंदों की सेवा में तत्पर रहते है l वह न केवल खुद पीड़ित मानवता की सेवा के लिए सदैव तैयार रहते हैं, बल्कि दूसरों को भी समाजसेवा करने की प्रेरणा देते हैं। संकट के इस दौर में चाहे रक्तदान हो या कोई भी दूसरा सामाजिक कार्य हो, वह हमेशा अग्रिम पंक्ति में नजर आ रहे हैं।