पोबी में अम्बेडकर साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर दी गई श्रद्धांजलि
giridihupdatesComments Off on पोबी में अम्बेडकर साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर दी गई श्रद्धांजलि
Share This News
भारत के संविधान के रचयिता ‘भारत रत्न’ बाबा साहेब डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर जमुआ प्रखंड के ग्राम पंचायत पोबी में अंबेडकर साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलित कर हार्दिक भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित किया गया। मुखिया नकुल कुमार पासवान ने कहा कि उनका व्यक्तित्व युगों-युगों तक आने वाली पीढ़ियों को प्रभावित करेगा। उनके विचारों में भारतीय समाज में एकरूपता और परस्पर प्रगति के अंश थे। वे सामाजिक समरसता के अग्रदूत रहे और समाज में व्याप्त बुराइयों के विरूद्ध अपनी आवाज़ बुलंद की। उनके बताए हुए मार्ग पर चलकर हम सभी को एक साथ समाज के उत्थान के लिए कार्य करना चाहिए। युवा समाजसेवी योगेश कुमार पाण्डेय ने बाबा साहब के जीवनी का वर्णन करते हुए कहा कि वे कालजयी, सर्वकालिक,अनुकरणीय है। राष्ट्र ऋणी है। वर्तमान में आदर्शो की महत्ता की प्रासंगिकता बढ़ गई हैं।
जागरूकता,जानकारी व संवैधानिक मूल कर्तव्य दायित्व के निर्वहन से ही अधिकारो की अभिरक्षा सम्भव है। शिक्षित नागरिक से ही विकसित राष्ट्र होता है। किसी भी संत,महापुरुषों को जाति, दलगत शिकंजे में बांधना दुर्भाग्यपूर्ण ,हास्यास्पद है। बाबा साहब के नीति,सिद्धान्त के विरुद्ध कुछ दिगभ्रमित जातिगत संगठनों द्वारा विदेशी अराजक शक्तियों से नियंत्रित होकर षड्यंत्र के तहत सामाजिक विद्वेष फैलाने का कुत्सित कार्य किया जाना राष्ट्र की समरसता के लिए बेहद ही घातक है। सोशल मीडिया पर अमर्यादित सामग्री डालकर सभी संवैधानिक प्रदत नागरिकों का समान अधिकार अवसर का हनन किया जा रहा है। अम्बेडकर जी की वास्तविक जीवनी से अवगत कराने की आवश्यकता है। संविधान खतरे में नही है बल्कि कुछ जातिगत, राजनीतिक दलो की छद्म राजनीति ख़तरे में है। ऐसे राष्ट्रविरोधी शक्तियों को करारा जवाब देकर ही बाबा साहब के सपनो का समानतामूलक, सभ्य,सशक्त समाज ,राष्ट्र नवनिर्माण की परिकल्पना सार्थक होगी। सेवानिवृत्त शिक्षक घनश्याम दास,मोहन दास महेन्द्र,मो अंसारी ने भी विचार ब्यक्त किये। उक्त अवसर पर खोंसी दास,शंकर दास सहित अन्य मौजूद थे।