गिरिडीह झारखण्ड

जेल में बंद दुष्कर्म के आरोपी सहायक शिक्षक की संदेहास्पद परिस्थिति में मौत, परिजनों ने पुलिस प्रशासन से की न्याय की मांग

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गिरिडीह। गिरिडीह मंडल कारा में बंद दुष्कर्म के आरोपी सहायक शिक्षक (पारा शिक्षक) की मौत गुरुवार को संदेहास्पद परिस्थिति में हो गई। भेलवाघाटी थाना क्षेत्र के कुशवर का रहने वाला सहायक शिक्षक अर्जुन यादव दुष्कर्म के आरोप में 14 मार्च 2024 को जेल से बंद था। इसी दौरान गुरुवार को परिजनों को उसकी तबीयत खराब होने की सूचना फोन पर दी गई।

परिजन जब सदर अस्पताल पहुंचे तो अस्पताल में उसकी लाश पड़ी थी। शव देखने के बाद परिजन अक्रोशित हो उठे और सदर अस्पताल परिसर में जमकर बवाल काटा। परिजनों का आरोप है कि जेल में बंद आरोपी की मौत के पीछे गहरा षड्यंत्र है। परिजनों के मुताबिक मृतक के गले में रस्सी का निशान पाया गया है। मृतक के भतीजे समेत अन्य परिजनों ने घटना को साजिश के तहत अंजाम देने का आरोप लगाया है।

परिजनों का कहना है कि मृतक अर्जुन यादव (सहायक शिक्षक) पारा शिक्षक के रूप में कुशवर में पदस्थापित था। आपसी गोतिया की लड़ाई में उसे दुष्कर्म के झूठे आरोप में फंसाया गया था। जेल जाने के बाद भी आरोप लगाने वाले पक्ष बार बार उसे जेल से बाहर नहीं निकलने देने की बात कहते थे। मृतक के भतीजा ने बताया कि कुछ दिन पूर्व वह अपने चाचा से जेल में मिला था और बुधवार को भी उसकी बात अपने चाचा से फोन के माध्यम से हुई थी।

उसने कहा कभी चाचा ने तबियत खराब होने की बात नहीं बताई। मगर गुरुवार को शाम के 4 बजे उन्हे थाना के द्वारा सूचना दी गई कि उनके चाचा की तबियत खराब है उन्हे अस्पताल लाया गया है। जब भागे भागे जब अस्पताल पहुंचे तो उनके चाचा मृत अवस्था में पड़े थे। परिजनों ने पुलिस प्रशासन से मामले की गहनता से जांच करते हुए दोषियों के विरुद्ध कड़ी कारवाई की मांग की है।

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