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सलूजा गोल्ड इंटरनेशनल स्कूल में सीबीएसई जोनल हॉकी टूर्नामेंट की हुई शुरुआत

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गिरिडीह के सलूजा गोल्ड इंटरनेशनल स्कूल में 27 अक्टूबर से 29 अक्टूबर तक आयोजित तीन दिवसीय सीबीएसई जोनल हॉकी टूर्नामेंट की आज शानदार शुरुआत हुई। इस टूर्नामेंट में बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और अन्य विद्यालयों के छात्र-छात्राएँ भाग ले रहे हैं। इस टूर्नामेंट में जो भी टीम विजेता होगी, वह टीम सीबीएसई नेशनल गेम में अपनी जगह बनाएगी, जहाँ वह अपने खेली गई शानदार प्रदर्शन को और भी ऊँचाईयों तक ले जाने का अवसर पाएगी।
टूर्नामेंट के पहले दिन के अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि के रूप में, सी.ए. विकास खैतान, प्रमोद अग्रवाल, हरदीप कौर, धुर्व संथालिया, डॉ. एम्. एन. सिंह, प्राचार्य गिरिडीह महाविद्यालय गिरिडीह, एवं प्रधानाचार्य ओपन माइंड वर्ल्ड स्कूल, दिल्ली पब्लिक स्कूल और वेव इंटरनेशनल स्कूल आदि जैसे प्रमुख अथितियों ने टूर्नामेंट के आयोजन में समिल्लित होकर बच्चों को प्रोत्साहित किया। उन्होंने बच्चों की मेहनत और उत्साह की सराहना की और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।

इस खास अवसर पर, सलूजा गोल्ड इंटरनेशनल स्कूल की निर्देशिका रमनप्रीत कौर सलूजा, ने टूर्नामेंट की सफलता पर खुशी व्यक्त की। उन्होंने कहा, “हमें गर्व है कि हमारे छात्र-छात्राएँ इस टूर्नामेंट में भाग ले रहे हैं। हॉकी के क्षेत्र में उनकी प्रतिस्पर्धा और उत्साह देखना एक गर्व की बात है। हम चाहते हैं कि यह टूर्नामेंट सिर्फ एक खेल का मैदान नहीं हो, बल्कि यह एक अनुभव हो, जिससे वे जीवन में सफलता की ओर बढ़ सकें।”

विद्यालय की प्रधानाचार्या, श्रीमती नीता दास, ने इस उत्सव को “ज्ञान और खेल का आदान-प्रदान” बताया और कहा, “हमारी यह पहली हॉकी टूर्नामेंट है और हम गर्व से कह सकते हैं कि इसमें हमारे छात्र-छात्राएँ ने बड़ी उम्मीदों के साथ प्रतिस्पर्धा की है। हमने यहाँ पर ज्ञान और खेल का महत्व समझाया है, जो छात्रों को जीवन में सफल बनने के लिए आवश्यक है। हमें खुशी है कि हमारी छात्र-छात्राएँ इस टूर्नामेंट में भाग लेने के माध्यम से अपनी प्रतिस्पर्धा और टीमवर्क की क्षमता को विकसित कर रही हैं। हम आशा करते हैं कि यह उत्सव इन्हें नई ऊँचाइयों तक पहुँचाएगा और वे हमेशा सफल रहेंगे।

इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए, विद्यालय के क्रीड़ा शिक्षक के साथ-साथ विद्यालय के सभी शिक्षकगण और अन्य कर्मचारी ने अपना सराहनीय योगदान दिया है। उनकी संघर्षशीलता, प्रतिबद्धता और मेहनत से यह कार्यक्रम सफल हो रही है।