40 दिनों तक चला गीता का आध्यात्मिक पाठ, समापन पर दीप यज्ञ का किया गया आयोजन
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गिरिडीह के जयप्रकाश नगर साईं मार्ग स्थित 40 दिनों तक श्रीमद् भागवत गीता का संकल्पित अनुष्ठान चलने वाला कार्यक्रम का पूर्णाहुति कल किया गया। इसमें गीता ज्ञान पर विशेष रूप से बल दिया गया। 40 दिनों तक चलने वाला यह भव्य कार्यक्रम गीता के उपदेश और महत्व के बारे में एक-एक करके बताया गया। साथ ही लोगों को जागरूक किया गया कि गीता पाठ सभी को अपने जीवन में रोज पढ़ना चाहिए। इसी से लोग पूर्ण रूप से मुक्ति पाते हैं। और भगवान के परम धाम तक पहुंच जाते हैं। गायत्री परिवार के ब्राह्मणों ने बताया कि गीता हमें जीवन जीने की सीख प्रदान करती है। इससे हमें समाज में ढलने की ज्ञान गीता से ही प्राप्त होती है। बताया गया कि गीता दिव्य महा ग्रंथ है जो लोगों को भगवान के धाम पहुंचाने का एकमात्र विकल्प है।
अखिल गायत्री विश्व परिवार का उप जन प्रभारी बुधन प्रसाद वर्मा ने बताया कि यहां 40 दिनों तक श्रद्धा पूर्वक गीता का पाठ चला जिससे लोग प्रेरित हुए और अपने जीवन को गीता का पाठ सुनकर कृतार्थ किया। उन्होंने बताया कि गीता का पाठ सुनकर एक आध्यात्मिक ऊर्जा का परिवेश होता है जो लोगों को बहुत जरूरत है। इसलिए मानव जीव को गीता का पाठ अवश्य करना चाहिए। सोमवार को समापन दिवस पर दीप यज्ञ का भी आयोजन किया गया जहां हजारों की संख्या में दीप जलाकर लोगों के बीच भक्ति प्रचार किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजक नीलकंठ नारायण कुशवाहा का महत्वपूर्ण योगदान रहा। साथ ही आयोजक मंडली में देवंती देवी, सुनीता देवी, भारती वर्मा, राजेश कुमार, ओम प्रकाश, सूरज कुमार वर्मा, सरिता देवी, श्यामदेव महतो, कैलाश प्रसाद बर्मा, रूबी वर्मा व संपूर्ण मोहल्ला वासियों का सराहनीय योगदान रहा।