गिरिडीह झंडा मैदान में आज जिला स्तरीय किसान मेला-सह-फसल प्रदर्शनी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मेला का उद्घाटन मुख्य अतिथि उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा और जिला परिषद अध्यक्षा मुनिया देवी के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया। मौके पर उप विकास आयुक्त, सदर अनुमंडल पदाधिकारी, जिला कृषि पदाधिकारी, जिला सहकारिता पदाधिकारी, जिला उद्यान पदाधिकारी, जिला पशुपालन पदाधिकारी, जिला गव्य विकास पदाधिकारी, भूमि संरक्षण पदाधिकारी, जिला मत्स्य पदाधिकारी समेत सभी संबंधित अधिकारी के अलावा जिले के सभी प्रखण्डों से अधिक से अधिक संख्या में किसान, किसान मित्र, प्रगत्तिशील कृषक उपस्थित थे।
इस मेले में कृषि एवं कृषि संबंध विभाग के साथ-साथ कृषि विज्ञान केंद्र एफपीओ खाद बीज भंडार सहित कुल 18 स्टॉल लगाए गए एवं मंच के साथ-साथ कृषि एवं कृषि संबंध विभाग के पदाधिकारी सभी विभाग के कर्मी किसान मित्र एग्री स्मार्ट ग्राम के कृषक पाठशाला के कर्मी प्रखंड कृषि पदाधिकारी प्रखंड तकनीकी प्रबंधक सहायक तकनीकी प्रबंधक जन सेवक एग्री क्लीनिक के कर्मी कृषक उत्पादक संगठन के कृषक विभिन्न प्रखंड से सैकड़ो किसान उपस्थित थे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा ने कहा कि यह मेला किसानों के लिए नयी तकनीकों, जैविक खेती, उद्यानिकी और मत्स्य पालन में उन्नति के अवसर प्रदान करेगा।
मेले में किसानों को उनकी उपज का मूल्य बढ़ाने, विपणन रणनीतियों और पर्यावरण अनुकूल खेती पर जोर दिया गया। उपायुक्त ने कहा कि योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना प्राथमिकता है। उपायुक्त, जिला परिषद अध्यक्ष, उप विकास आयुक्त ने विभिन्न स्टॉलों का निरीक्षण कर जायजा लिया तथा मेले में प्रदर्शित कृषि उपकरण, तकनीकी नवाचार, जैविक उत्पादों, फसलों, फल, फूल और सरकारी योजनाओं की जानकारी प्राप्त की।
वंही कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला परिषद अध्यक्षा मुनिया देवी द्वारा कहा गया कि यह मेला किसानों के लिए बहुत लाभकारी है और अधिक प्रचार प्रसार करते हुए किसानों की संख्या बढ़ाने की आवश्यकता है इनके द्वारा बताया गया कि तकनीकी ढंग से खेती करने की सलाह को यदि किसान अपने छिड़काव की विधि एवं समय पर करें तो किसानो को अधिक लाभ होगा। पानी की कमी को देखते हुए खेती कार्य समय पर नहीं हो पाता है किसी और विभाग को ध्यान देने की आवश्यकता है जिससे सिंचाई सुनिश्चित हो सके क्योंकि खेती सिंचाई पर ही निर्भर है। इसके लिए चेक डैम ,तालाब कूप जैसे योजना पर ध्यान देने की आवश्यकता है जिससे पानी संरक्षित कर खेती करने में सहायक हो सकता है।