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25 मई से शुरू हो रहे डोर टू डोर सर्वे कार्य को लेकर आज मॉक ड्रिल का किया गया आयोजन

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गिरिडीह: कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए एवं इससे बचाव तथा रोकथाम हेतु जिला प्रशासन द्वारा हर संभव उचित प्रयास किए जा रहे हैं। आगामी 25 मई को गिरिडीह जिला अंतर्गत डोर टू डोर सर्वे कार्य प्रारंभ किया जाना है। इसी के निमित्त आज पपरवाटांड़ व जमुआ प्रखंड में मॉक ड्रिल कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अभियान के दौरान सहिया, सेविका, सहायिका एवं पोषण सखी तथा जांच टीम के द्वारा घर घर जाकर लक्षण वाले मरीजों का चिकित्सीय जांच एवं रैपिड एंटीजन टेस्ट किया गया। कल से शुरू हो रहे डोर टू डोर सर्वे कार्य के सफल क्रियान्वयन को लेकर पूर्वाभ्यास किया गया। उपायुक्त के निर्देशानुसार ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना के चेन को रोकने के उद्देश्य से आज सेविका, सहायिका, सहिया एवं पोषण सखी तथा जांच टीम के द्वारा एक सराहनीय प्रयास किया गया। उपायुक्त के द्वारा सभी को N 95 फेस मास्क, पी.पी.ई कीट, होम आइसोलेशन कीट, पल्स ऑक्सीमीटर, हैंड सैनिटाइजर आदि उपलब्ध कराया गया। सर्वे कार्य के दौरान सेविका, सहायिका, सहिया एवं पोषण सखी तथा जांच टीम द्वारा घर घर जाकर सभी का कोविड जांच किया गया तथा लक्षण पाए जाने वाले व्यक्तियों को उपचार हेतु मेडिकल कीट उपलब्ध करवाते हुए उन्हें होम आइसोलेशन से संबंधित सभी गाइडलाइन की जानकारी भी उपलब्ध कराई गई।
ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रसार के नियंत्रण एवं रोकथाम के मद्देनजर प्रत्येक पंचायत स्तर पर दो-दो दल गठित किये जा रहे हैं। इनमें पहला दल संभावित कोविड संक्रमितों की पहचान का कार्य करेगा और दल के सदस्य सहिया व आंगनवाड़ी सेविका होंगे। साथ ही दूसरा दल रैट जांच दल के सदस्य ए. एन. एम/सी.एच. ओ/बी.टी. टी/सहिया होंगे। इसके निमित उपायुक्त के निर्देशानुसार सभी प्रखंडो में आंगनवाड़ी सेविका/सहयिकाओ को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। सभी तैयारियों को पूर्ण कर लिया गया है। तथा प्रखंड एवं पंचायत स्तर पर बेहतर माइक्रोप्लान बनाया गया है ताकि सही तरीके से लक्षण वाले मरीजों का रैपिड एंटीजन टेस्ट किया जाय एवं उनका स-समय समुचित चिकित्सीय उपचार किया जा सकें।
इस दौरान उपायुक्त ने बताया कि गिरिडीह जिला अंतर्गत सर्वे का कार्य कल 25 मई मंगलवार से प्रारम्भ होगा। सर्वे कार्य के सफल क्रियान्वयन को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है तथा प्रखंड एवं पंचायत स्तर पर बेहतर माइक्रोप्लान बनाया गया है। सभी संबंधित कर्मियो को निर्देश दिया गया है। सभी को इससे संबंधित प्रशिक्षण दिया जा चुका है।प्रशिक्षण कार्यक्रम में रैट जांच, कोरोना संक्रमित होने पर स्वयं को दूसरों से आईसोलेट करने, कोविड समुचित व्यवहार यथा मास्क पहनने, निरंतर हाथ धोने तथा सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करने के सम्बंध में विस्तार से जानकारियां साझा की गई है। साथ ही कोरोना संक्रमण के गंभीर लक्षण दिखने पर तुरंत जिला प्रशासन एवं प्रखंड प्रशासन को सूचित कर त्वरित स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि जागरूकता रथ के माध्यम से लोगों को कोरोना वायरस से बचाव हेतु टीकाकरण लगवाने हेतु प्रेरित किया जाएगा।
टीके को लेकर फैलने वाली भ्रांतियों पर ध्यान न देने की अपील करते हुए कहा कि वैक्सीन लगने के बाद लोगों में वैक्सीन वाली जगह पर दर्द, हल्का बुखार, वैक्सीन वाली जगह पर सूजन या उस जगह का लाल पड़ जाने जैसे लक्षण दिखाई देना आम है। इसमें घबराने की जरूरत नहीं है। यह टीका पूरी तरह सुरक्षित है। इससे शरीर पर किसी भी तरह के दुष्प्रभाव नहीं पड़ते। बल्कि कोविड टीकाकरण कोरोना वायरस से बचाव करने में कारगर है। इसके साथ ही सहियाओं को अपने-अपने स्तर से टीकाकरण तथा कोविड जाँच से संबंधित आवश्यक जानकारियों एवं इनके प्रति फैलने वाली भ्रांतियों को समाप्त करने हेतु व्यापक प्रचार-प्रसार कर आमजनों को जागरूक करने का निर्देश दिया गया है। साथ ही कोविड जाँच की महत्ता एवं जाँच की विशेषताओं से आमजनों को अवगत कराने पर विशेष जोर दिया गया। इसके साथ ही सर्वे कार्यों के दौरान कोविड अनुरूप व्यवहारों का पूर्ण पालन करने व विशेष सावधानी व सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए।
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