गिरिडीह सदर अस्पताल प्रशासन ने इस जिलास्तरीय अस्पताल की हालत चाैपट कर के रखी है। आलम यह है कि अन्य सुविधाएं ताे दूर यहां उचित राेशनी का भी इंतजाम नहीं रहता है। वार्ड में भर्ती मरीज अंधरे में रात गुजारते हैं। पंखा बंद रहता है और मरीज रातभर गर्मी से बेहाल रहते हैं। सोमवार की रात अस्पताल अंधेरे में डूबा रहा। यहां मरीज तो कैंडल और मोबाइल की टॉर्च जला कर किसी तरह से रात गुजार रहे थे। वहीं डॉक्टर भी मरीजों का इलाज मोबाइल की टार्च जला कर ही कर रहे थे। जबकि यहां पर करीब एक करोड़ की लागत से सोलर सिस्टम व प्लेट लगा हुआ है। लेकिन यह शुरू से ही बेकार पड़ा हुआ है।
सोलर सिस्टम दुरूस्त करने को लेकर कई बार संबंधित कंपनी व विभाग को पत्राचार किया गया, लेकिन ठीक करने के बजाय पूरी राशि निकालकर कंपनी फरार हो गयी। जनरेटर है लेकिन उसे चलाया नहीं गया, बताया गया है जेनरेटर भी महीनाें से खराब पड़ा है। अंधेरे में ही चिकित्सक भी मरीजों को देख रहे थे। मोबाइल की लाइट जला कर मरीजों को इंजेक्शन दिया जा रहा था। हालांकि देर रात तक बिजली बहाल हो गई थी। गड़बड़ियां दूर कर लेने की बात कही गई। सिविल सर्जन ने कहा कि सोलर लाइट पहले से खराब है। वहीं कनेक्शन में कुछ टेक्निकल फॉल्ट आ गई थी।