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गुरु ग्रंथ साहिब का पहला प्रकाश पर्व धूमधाम से मना, गुरुद्वारे में हुआ भजन कीर्तन व लंगर का आयोजन

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गिरिडीह। गुरु ग्रंथ साहिब का पहला प्रकाश पर्व स्टेशन रोड स्थित गुरुद्वारा गुरु सिंह सभा में शनिवार को बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान गुरु ग्रंथ साहिब और गुरुद्वारे को काफी आकर्षक तरीके से सजाया गया था। गुरु ग्रंथ साहिब के प्रकाश पर्व को लेकर गुरुवार को अखंड पाठ का आयोजन किया गया था। जिस का समापन आज हुआ। गुरुद्वारा गुरु सिंह सभा के प्रधान डॉ गुणवंत सिंह मोंगिया ने बताया कि गुरु ग्रंथ साहिब का संपादन सिख समुदाय के पांचवें गुरु श्री गुरु अर्जुन देव जी ने किया।

गुरु ग्रन्थ साहिब जी का पहला प्रकाश 30 अगस्त 1604 को हरमंदिर साहिब अमृतसर में हुआ। 1705 में दमदमा साहिब में दशमेश पिता गुरु गोविंद सिंह जी ने गुरु तेगबहादुर जी के 116 शब्द जोड़कर इसको पूर्ण किया, इनमे कुल 1430 पृष्ठ है। बताया कि गुरु ग्रंथ साहिब में कल 36 महापुरुषों की वाणी संकलित है। उन्होंने कहा की सिख समाज गुरु ग्रंथ साहब का पहला प्रकाश पर्व बड़े ही धूमधाम से मना रहा है।

जिसकी समाप्ति आज प्रकाश पर्व के दिन हुई। देहरादून के रागी जत्था भाई हरप्रीत सिंह के द्वारा भजन कीर्तन किया गया। गुरु ग्रंथ साहिब पर कई कीर्तन प्रस्तुत किया। तत्पश्चात अरदास हुई और गुरुद्वारे में लंगर का आयोजन किया गया जिसमें काफी संख्या श्रद्धालुओं ने लंगर किया। लंगर की सेवा सरदार रणजीत सिंह अरोड़ा व उनके परिवार की ओर से की गई थी ।

मौके पर डॉ अमरजीत सिंह सलूजा, चरणजीत सिंह सलूजा, देवेंद्र सिंह, कुंवरजीत सिंह, राजेंद्र सिंह, परमजीत सिंह कालू, गुरदीप सिंह बग्गा, इकबाल सिंह, राजू चावला, रोबिन चावला, नवजोत अरोड़ा, समेत समाज के काफी संख्या में महिला पुरुष व बच्चे मौजूद थे।

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