नाबार्ड के सहयोग से रुद्रा फाउंडेशन स्थानीय होटल मीर रेसीडेंसी गिरिडीह में कृषक उत्पादक संगठन के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी का तीन दिवसीय आवासीय क्षमतावर्धन प्रशिक्षण बुधवार को प्रारंभ हुआ।
प्रशिक्षण का उदघाटन ज़िला कृषि पदाधिकारी सुरेंद्र कुमार सिंह, ज़िला उद्यान पदाधिकारी भामदेव साह , झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक अमरेश कुमार सिंह , सेल्को फाउंडेशन के दीपेंद्र कुमार एवं रुद्रा फाउंडेशन के सचिव सैयद सबीह अशरफ़ ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।
सेल्को फाउंडेशन के तकनीकी पदाधिकारी ने बताया कि उनकी संस्था रुद्रा फाउंडेशन के साथ मिलकर गिरिडीह ज़िले में अभी तक तीन दस एमटी क्षमता का सोलर कोल्ड रूम एवं सौर ऊर्जा संचालित सात प्रसंस्करण इकाई की स्थापना की है जिसमें 70-75% अनुदान उनकी संस्था उपलब्ध करा रही है एवं शेष राशि भारत सरकार के कृषि अवसरंचना कोष के अंतर्गत विभिन्न बैंको के द्वारा ऋण उपलब्ध कराया गया है।
मौके पर बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को संबोधित करते हुए झारखंड ग्रामीण बैंक के क्षेत्रीय प्रबन्धक अमरेश सिंह ने कहा कि कोई भी काम करना इतना आसान नहीं होता है लेकिन मन में इच्छा हो तो कोई भी काम मुश्किल भी नहीं होता है । उनका बैंक FPO को हर सम्भव ऋण उपलब्ध कराने के लिए कृत संकल्प है साथ ही उन्होंने संयुक्त देयता समूह के माध्यम से क्रेडिट लिंकेज की बात कही। ज़िला उद्यान पदाधिकारी भामदेव साह ने कहा उनका सपना है कि गिरिडिह के किसान राष्ट्रीय स्तर पर प्रगति करें ।किसान उत्पादक संगठन के किसान अपने ज़मीन पर 50-50 फलदार पौधों को लगाकर किसान कृषि को फायदे का सौदा बना सकते हैं। ज़िला कृषि पदाधिकारी सुरेन्द्र कुमार सिंह ने नाबार्ड के कार्यों एवं रुद्रा फाउंडेशन के अबतक के कार्यों को सराहा तथा किसानों को सालों भर खेती के लिए प्रेरित किया।
रुद्रा फाउंडेशन के सचिव सैयद सबीह अशरफ ने बताया कि किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) के माध्यम से जहांँ किसान को अपनी पैदावार के सही दाम मिलते हैं, वहीं खरीदार को भी उचित कीमत पर वस्तु मिलती है। वहीं अगर अकेला उत्पादक अपनी पैदावार बेचने जाता है तो उसका मुनाफा बिचौलियों को मिलता है। श्री अशरफ ने कहा कि किसान एफपीओ व कस्टम हायर सेंटर के माध्यम से अलग-अलग कृषि उत्पाद पैदा करने वाले एक मंच पर साथ आकर ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं। एफपीओ सिस्टम में किसान को उसके उत्पाद के भाव अच्छे मिलते हैं, उत्पाद की बर्बादी कम होती है, अलग-अलग लोगों के अनुभवों का फायदा मिलता है। उन्होंने बताया कि अब जैविक उत्पादों की काफी मांँग है इसलिए एफपीओ के माध्यम से जैविक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा ।
कार्यक्रम में न्यू इको फ्रेश FPCL, श्रेष्ट उत्कर्ष FPCL, फ्रेश बास्केट FPCL, सवेरा एग्रीकल्चर PCL और आरोही किसान उत्पादक कंपनी लिमिटेड के 5- 5 निदेशक एवं 1 -1 CEO उपस्थित थे । मौके पर रूद्रा फाउंडेशन के कार्यक्रम प्रबन्धक शंकर कुमार राय , रवि कुमार सहित कई लोग मौजूद थे।