एलआईसी का आईपीओ सदस्यता खुलने का विरोध बुधवार को भण्डारीडीह के समीप एलआईसी कार्यालय में किया गया।यहां अखिल भारतीय बीमा कर्मचारी संघ के आवाहन पर एलआईसी कर्मी राष्ट्रीय स्तर पर 2 घंटे का वॉकआउट हड़ताल किया। हड़ताल की जानकारी देते हुए सचिव धर्म प्रकाश ने कहा कि एलआईसी का आईपीओ लाना देश और बीमा धारकों के साथ धोखा है। 5 सितंबर 1956 को एलआईसी की स्थापना ” जनता का पैसा जनता का विकास ” अवधारणा के साथ किया गया था,पिछले 65 वर्षों में एलआईसी ने इसी अवधारणा के साथ काम करते हुए देश के आधारभूत संरचना के विकास में अभी तक 28 लाख करोड़ का निवेश किया। 5 करोड़ की पूंजी से प्रारंभ होकर एलआईसी ने 65 वर्षों में कुल 39 लाख करोड़ की संपत्ति अर्जित की है । 22 वर्षों के प्रतिस्पर्धा के बाद भी एलआईसी जीवन बीमा उद्योग में 70% हिस्सेदारी के साथ मार्केट लीडर बना हुआ है।
2 महीना पहले अनुमान लगाया जा रहा था कि एलआईसी का एंबेडेड वैल्यू 10 से 12 लाख करोड़ होगा। लेकिन अभी नवीनतम अनुमान 5,40 लाख करोड़ रुपया आंका गया है। पूर्व में केंद्र सरकार ने एलआईसी के आईपीओ के माध्यम से 65 से 75 हजार करोड रुपए पूंजी बाजार से उगाने का लक्ष्य रखा गया था। लेकिन अब मात्र 21 हजार करोड़ अर्जित करने की बात कही जा रही है। मात्र 21 हजार करोड़ रु के लिए एलआईसी का आईपीओ लाना देश और बीमा धारकों के साथ धोखा है। हिंदुस्तान के इतिहास में एलआईसी का आईपीओ अब तक का सबसे बड़ा आर्थिक घोटाला साबित होने जा रहा है। राजकोषीय और बजटीय घाटे की भरपाई करने के लिए केंद्र सरकार एलआईसी तथा अन्य सार्वजनिक प्रतिष्ठानों का शेयर बेच रही है, जिसका अखिल भारतीय बीमा कर्मचारी संघ पुरजोर विरोध करती है।
कार्यक्रम में संजय शर्मा, विजय कुमार, अनुराग मुर्मू, राजेश कुमार उपाध्याय, कुमकुम वाला वर्मा, डेनियल मंराडी, श्वेता ,दीपक पासवान, उमानाथ झा,श्वेता कुमारी ,विजय कुमार विनय कुमार, राजेश कुमार, अभय कुमार ,अनिल कुमार वर्मा, रोशन कुमार ,अंजलि श्वेता, अंशु कुमारी सिंघानिया, देवनाथ, सुनील कुमार वर्मा ,पंकज कुमार महेश्वरी वर्मा, नीरज कुमार सिंह नीतीश कुमार गुप्ता ,सुशील कुमार लाकरा, प्रितम कुमार मेहता, संजय कुमार शर्मा, अरविंद कुमार मुरमू ,कुलजीत कुमार रवि, प्रवीण कुमार हसंदा सहित सभी कर्मचारियों ने भाग लिया।