होलिका दहन को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। हर साल होलिका दहन फाल्गुन पूर्णिमा की तिथि को मनाया जाता है। इस साल 6 मार्च को शाम के 4 बजकर 20 मिनट मे फाल्गुन पूर्णिमा शुरू हो रही है जो 7 मार्च को शाम के 6 बजकर 9 मिनट तक रहेगी। इस वजह से इस साल होलिका दहन को लेकर थोड़ा सा कन्फ्यूजन बना हुआ है कि होलिका दहन 6 मार्च को होगा या 7 को ?
6 मार्च को पूर्णिमा के साथ साथ भद्रा काल लग जा रहा है, जिस वजह से 7 तारीख को होलिका दहन मनाया जाएगा। देवघर के प्रसिद्ध तीर्थपुरोहित प्रमोद शृंगारी ने बताया होलिका दहन भद्रा में नहीं करना चाहिए क्योंकि शास्त्र मे एक श्लोक है : ‘भद्रा देवया ना कर्त्तव्या श्रावनी फाल्गुनी तथा ग्रामम दहनति च राजा हन्ति च’।
मतलब श्रावनी पूर्णिमा में रक्षाबंधन भद्रा में कर दिया जाए तो राजा पर बुरा प्रभाव पड़ता है, उसी तरह होलिका दहन अगर भद्रा में कर दिया जाए तो घर मे अगलगी की घटना हो सकती है। शृंगारी ने कहा इसलिए भद्रा में होलिका दहन वर्जित है। इस साल चूंकि भद्रा शाम के 4 बजकर 11 मिनट में पड़ रहा है और होलिका दहन रात मे होती है इसलिए इस साल 7 मार्च को होलिका दहन किया जाएगा।
7 मार्च को होगा होलिका दहन
होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 7 मार्च को होलिका दहन का शुभ मुहूर्त शाम 5:30 से लेकर रात 7:15 तक है. इस समय में होलिका दहन प्रदोष काल में उदय व्यापिनी पूर्णिमा के बगैर होगा क्योंकि 7 मार्च को पूर्णिमा तिथि शाम 6:09 पर खत्म हो जाएगी। इस साल होलिका दहन के लिए शुभ समय 1 घंटा 45 मिनट तक रहेगा। होलिका दहन के ठीक एक दिन बाद यानी 8 मार्च को देश भर मे होली खेली जाएगी।