आषाढ़ शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को शहर के पुरातन शिवालय में शुक्रवार को रथयात्रा के अवसर पर भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के विग्रह की पूजा पुरोहितों ने पूरे विधि-विधान के साथ किया गया। मंत्रोच्चारण के साथ नेत्रदान, स्नान-ध्यान के उपरांत उनका दिव्य श्रृंगार किया गया। आरती और श्रृंगार के बाद भगवान को भोग लगाया गया और मौके पर मौजूद भक्त भगवान जगरन्नाथ समेत तीनों भाई-बहनों के प्रतीक काष्ठ की मूर्तियों को सर पर रखकर यात्रा पर निकले।
गाजे-बाजे के साथ निकले इस पैदल यात्रा में पुरातन शिवालय के पुजारी सतीश मिश्रा के अगुवाई में काफी संख्या में भक्तों ने हिस्सा लिया। और क्षेत्र का भ्रमण कर गांधी चाौक स्थित छोटकी दुर्गा मंडप पहुंचे। जिसे मौसीबाड़ी का स्वरुप देते हुए तीनों के मूर्तियों को आठ दिनों के लिए एकांतवाश में रखा गया।