जमुआ / विकाश यादव
जमीन विवाद के निपटारे के साथ आत्मदाह की घोषणा रविवार को देवन्दन शर्मा द्वारा वापस ले लिया गया है। जमुआ के सी ओ द्वारिका बैठा एवं हीरोडीह के थाना प्रभारी राधेश्याम पाण्डेय ने वर्षों से चला आ रहा जमीन विवाद का हल रविवार को हीरोडीह थाना परिसर में दोनों पक्षो को बुलाकर कर दिया। इसके बाद दोनों पक्षो में सुलह हो गया देवनन्दन शर्मा ने कहा कि जमुआ के सी ओ द्वारिका बैठा एवं हीरोडीह के थाना प्रभारी राधेश्याम पाण्डेय के प्रयास से दोनों पक्ष के लोग हीरोडीह थाने में बैठे। कहा कि गणमान्य लोगों की मौजूदगी में जमुआ के सी ओ द्वारा खाता संख्या01 प्लॉट संख्या93 रकवा 24 डिसमिल जमीन जो मेरे द्वारा क्रय की गई है उसपर मेरा हक होने का फैसला सुनाया। दूसरे पक्ष के लोगों का उक्त जमीन पर कोई दावा दखल भविष्य में नहीं होगा। दूसरे पक्ष के नरसिंह मण्डल एवं लखन मण्डल एवं शिवशंकर मंडल ने कहा कि उक्त जमीन विवाद को हल करने के लिए कई बार और कई स्तरों पर पंचायती हुई। फैसले पर ग्रामीण कायम थे। देवनन्दन ही कायम नहीं था। कहा कि प्रशासन के निर्देश को वे लोग मानते हैं। कहा उनकी लड़ाई निजी नहीं बल्कि समाज के लिए थी। जमुआ के सी ओ द्वारिका बैठा ने कहा उक्त जमीन पर दूसरे पक्ष के लोग कोई दावा नही करेंगे। यह जमीन देवनन्दन शर्मा की है उसपर वे मकान बना सकते हैं।
गुंडागर्दी बर्दाश्त नही होगी। हीरोडीह थाना प्रभारी राधेश्याम पाण्डेय ने कहा कि कोई भी विवाद का हल स्थानीय स्तर पर बैठकर करें।आत्मदाह की घोषणा बात बात में करना उचित नहीं। पंचायती में रीतलाल मण्डल,किशोर पण्डा,रामदेव महतो, कार्तिक मण्डल,दशरथ शर्मा ,सरिता देवी सहित कई ग्रामीण उपस्थित थे।बता दें कि उक्त जमीन को 2014 में देवनन्दन शर्मा ने सुकरी देवी से अपनी पत्नी ऊषा देवी के नाम से क्रय किया था। ग्रामीण उक्त जमीन को सार्वजनिक उपयोग के लिए रखना चाहते थे।