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लगातार बारिश के बाद उसरी नदी उफान पर, जान जोखिम में डाल जर्जर पुल पर जारी है आवागमन

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गिरिडीह की लाइफ लाइन उसरी नदी इन दिनों भारी बारिश के कारण उफान पर है। ऐसी स्थिति में उसरी नदी पर बना पुराना जर्जर पुल पर आवागमन काफी जोखिम भरा है। इसके बावजूद भी लोग अपनी जान का परवाह किये बीना ही उसरी नदी के इस जर्जर पुल पर आवागमन जारी रखे हुए हैं। बता दें कि पुल के कई पिलर क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। जिसके बाद प्रशासन की ओर से पुल पर आवागमन बाधित जार दिया गया है।
जिला प्रशासन की ओर से पुल के दोनों छोर पर ईंट की दीवार बनाकर बैरिकेटिंग की गई है। फिर भी लोग दीवार के किनारे से रास्ता बनाकर पुल से लगातार गुजर रहे हैं। सिर्फ पैदल चलने वाले ही नहीं बल्कि मोटरसाइकिल, टोटो, ऑटो रिक्शा वाले भी दीवार के साइड से निकल कर पुल पर से बेखौफ गुजर रहे हैं जो कि बेहद खतरनाक साबित हो सकता है।

आम दिनों की बात छोड़ अगर इस समय की बात की जाए तो इस पुल पर से गुजरना बेहद जोखिम भरा है। नदी उफान पर है और पानी का तेज बहाव पुल को छूने को है। ऐसे में पुल के क्षतिग्रस्त पीलर कभी भी धराशायी हो सकते हैं और एक बड़ा हादसा पेश आ सकता है। हालांकि प्रशासन के द्वारा पुल पर आवागमन को 2013 से ही बंद कर दिया गया है। बावजूद इसके लोग अपनी आदतों से बाज़ नहीं आ रहे हैं।
बताते चलें कि उसरी नदी पर बने इस पुराने पुल पर वर्ष 1997 में एक बड़ा हादसा हो चुका है। उस दौरान भी भारी बारिश के कारण पानी का बहाव पुल के ऊपर से होने लगा था। जिला प्रशासन ने सावधानी बरतते हुए तब भी पुल पर आवागमन को प्रतिबन्धित किया था। मगर एक यात्रियों से भरी बस चालक द्वारा पानी के बहाव में बस को पुल से पार करने का प्रयास किया गया। नतीजा यह हुआ कि बस पानी के तेज बहाव को नहीं झेल पाई और नदी में बह गई। इस हादसे में तकरीबन 70 यात्रियों की मौत हो गयी थी। जबकि कुछ लोगों ने तैर कर अपनी जान बचाई थी। गिरिडीह जिला का यह सबसे बड़ा और दुःखद हादसा साबित हुआ था। आज भी उस दिन को याद कर लोगों के रौंगटे तो खड़े होते हैं मगर लोग लापरवाही से बाज़ भी नहीं आ रहे हैं।

वर्तमान में पुल की स्थिति बेहद जर्जर है। किसी भी समय पुल धराशायी हो सकता है। ऊपर से नदी का उफान पर होना खतरे को न्योता दे रहा है। बावजूद इसके लोग अपनी जान की परवाह किये बिना खतरे को मोल ले रहे हैं।
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