आज दिनांक 12/11 /2022 को झारखंड भाषा संघर्ष समिति गिरिडीह के अध्यक्ष मनदीप शर्मा के आवास प्रांगण में प्रेस वार्ता बुलाई गई। जिसमें दर्जनों की संख्या में भाषा संघर्ष समिति सह 1932 के खतियान से जुड़े संघर्ष समिति मोर्चा के सदस्य उपस्थित थे। प्रेस वार्ता संबोधन से पूर्व बिरसा भगवान की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हुए सभी ने पुष्प अर्पित कर नमन किया।
प्रेस वार्ता को संबोधन करते हुए अध्यक्ष मनदीप शर्मा ने कहा कि दस महीने से चले आ रहे हैं संघर्ष के के बाद 1932 का खतियान झारखंड कैबिनेट के द्वारा पारित की गई है। इसके लिए झारखंड के सभी संघर्ष समिति को हार्दिक बधाई एवं साथ ही झारखंड सरकार को साधुवाद देता हूं। उन्होंने कहा कि जब तक संवैधानिक रूप से लागू नहीं हो जाती है तब तक हम लोगों का संघर्ष समय-समय पर जारी रहेगा।
संघर्ष समिति के संरक्षक राजेश वर्मा ‘मृदुल’ ने कहा अलग राज्य गठन के साथ ही 1932 का खतियान लागू हो जाना चाहिए था परंतु दुर्भाग्य रहा कि 21 वर्षों के संघर्ष के बाद वर्तमान सरकार ने 1 माह पूर्व घोषणा के अनुसार कैबिनेट में बहुमत के साथ पास कर दी है। इसके लिए झारखंड के तमाम संघर्ष समितियों को जोहार साथ ही सरकार को धन्यवाद एवं साधुवाद। झारखंड कैबिनेट पारित अध्यादेश को केंद्र सरकार भेज रही है। वे इसे 9वीं अनुसूची के आधार पर मंजूरी देकर पास करें। हम झारखंडी आदिवासी एवं मूलवासी वासी केंद्र सरकार से यही अपेक्षा रखते हैं। ताकि हमारे अधिकारों पर बाहरी लोगों का अतिक्रमण ना रहे। अगर केंद्र सरकार इसे रोक लगाती है, तब हम झारखंड के तमाम संघर्ष समितियाँ इस मांग को लेकर संघर्ष जारी रखेंगे।
वही संघर्ष समिति के संयोजक छोटे लाल यादव यादव ने कहा कि झारखंडी भाषा और 1932 का खतियान झारखंडियों की पहचान है। इसे लागू होने से यहां के मूल वासियों को तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी की नौकरियों में लाभ मिल सकेगी।
इस प्रेस वार्ता में मीडिया प्रभारी श्याम कुमार,मंटू यादव, सुभाष कुमार, जितेंद्र चौधरी, ढालो दास, टिंकू राम, विनोद यादव, छोटु रजक, दिनेश कुमार, रितेश शर्मा, रोशन कुमार, भुनेश्वर चौधरी, रोहित कुमार, उपेंद्र पासवान आदि उपस्थित थे।