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गिरिडीह में पार्श्वनाथ कवि सम्मेलन का हुआ अदभूत आगाज

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गिरिडीह – कोरोना काल के लम्बे विकट परिस्थिति के बाद गिरिडीह शहर में फिर कविता के माध्यम से जीवन में हलचल का संचार हुआ. पार्श्वनाथ महोत्सव कवि सम्मेलन का आयोजन पार्श्व अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय चैरिटेबल ट्रस्ट गिरिडीह के दवारा
एडभांस्ड लर्निंग पब्लिक स्कूल, शीतलपुर में दिनांक 8 नवम्बर को सन्ध्या 5बजे से किया गया।इसमें मुख्य अतिथि गिरिडीह कालेज के हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रो. बलभद्र थे।

इसके अलावा शहर के नामचीन कवि व रचनाकार शंकर पांडे, राजेश पाठक,मो. हलीम, परवेज शीतल, विशाल पंडित, व्याख्याता महेश अमन, तुलसी विश्वास,रितेश कुमार ,प्रो. बलभद्र सिंह, सिकन्दर हेमंत जी, शुक्ला जी, महेश सिंह जी इस कवि सम्मेलन में शामिल थे. विशाल पंडित ने ‘दिल में ‘हिन्दुस्तान जिंदाबाद लिखना है’-पटेल व सुभाष का संवाद लिखना है’ के ओज से पुरा सभागार गुन्ज उठा था. सिकन्दर ‘सौम्य की रणभेरी कविता (कर प्रतिकार अनय समर सज जाने दो।

तोड़ अहंकार अरि रणभेरी बज जाने दो) सुनकर सबका मन उर्जा व ओज से भर गया. कवि सुरेश शौर्य के ‘शुन्य’ शीर्शक कविता की भी लोगों ने भीनी -भीनी प्रशंसा की.महेश अमन की खोरठा समसामयिक कविता,’दस किलो धान बेचिके एक किलो पियाज किनबो,” को लोगो ने बहुत सराहा।मंच संचालन युवा कवि विशाल पण्डित कर रहे थे।कवि सम्मेलन में उत्साह चरम पर था। लोगों ने इस कवि सम्मेलन के आयोजन हेतु ट्रस्ट का आभार व्यक्त किया।

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