गिरिडीह। सिक्खों के 9वें गुरू ‘‘गुरू तेग बहादूर जी’’ का 400वां शताब्दी समारोह आत्मरस कीर्तन दरबार व भव्य लंगर के साथ रविवार को संपन्न हो गया। इससे पहले गुरूनानक जयंती को लेकर विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम का आयोजन गुरूद्वारे में किया गया था। आज आत्मरस कीर्तन दरबार में छत्तीसगढ़ से आए भाई देविंदर सिंघ जी निरोल, बरनाला से आए हुए कुलवीर सिंघ जी व जलंधर से आए सुखजिंदर सिंघ जी ने शबद कीर्तन प्रस्तुत किया। जिसे सुनकर सात संगत निहाल हो गई। आत्मरस कीर्तन दरबार में रागी जत्था की टीम ने ‘‘अरदास करी प्रभ अपने आगे सुण सुण जीवा तेरी बाणी’’, ‘‘जप-जप जीवा सतिगुरू नाऊ, गुरू जी के दर्शन कउ बल जाऊ’’ के अलावा कई शबद कीर्तन प्रस्तुत किए जिससे पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। रागी जत्था की टीम ने गुरू तेग बहादूर जी की जीवनी पर प्रकाश भी डाला। उन्होंने कहा कि गुरू महाराज सिक्खों के सम्मान के लिए शहीद हो गए थे। वे वीरता व साहस की मिशाल थे। गुरूद्वारा गुरूसिंह सभा के प्रधान सेवक गुणवंत सिंह मोंगिया व सचिव नरेंद्र सिंह सलूजा उर्फ सम्मी ने बताया कि बहुत ही धूमधाम से गिरिडीह की सात संगत ने गुरूनानक देव जी का प्रकाश पर्व व गुरू तेग बहादूर जी का शताब्दी प्रकाश पूरब मनाया। इसके लिए वे गिरिडीह की सात संगत को धन्यवाद देते हैं।
अरदास के बाद गुरूद्वारा ग्राउंड में भव्य लंगर का आयोजन किया गया जिसमें सिक्ख समाज के अलावा अन्य समुदाय के लोगों ने भी भाग लिया। गिरिडीह के युवा उद्योगपति सह सलूजा गोल्ड के निदेशक सतविंदर सिंह सलूजा को दिल्ली में आयोजित सिक्ख युथ ऑफ इंडिया कार्यक्रम में सिंह किंग ऑफ स्टील इंडस्ट्री अवार्ड दिया गया है। इसको लेकर आज उन्हें प्रधान सेवक गुणवंत सिंह मोंगिया के द्वारा सिरोपा देकर सम्मानित किया गया। मौके पर चरणजीत सिंह सलूजा, कुंवरजीत सिंह, देवेंद्र सिंह, गजेंद्रपाल सिंह, राजेंद्र सिंह, परमजीत सिंह कालू, हरमिंदर सिंह बग्गा, गुरदीप सिंह बग्गा, रोबीन चावला, रिशी चावला, राजू चावला, सरबजीत सिंह, गुरवंत मारवा, नरेंद्र सिंह बग्गा, संदीप सिंह, रोमल सिंह समेत काफी संख्या में समाज के महिला-पुरूष मौजूद थे।