एलआईसी ने अपनी मांगों को लेकर किया प्रदर्शन, कहां केंद्र सरकार एलआईसी के प्रति कर रही है सौतेला व्यवहार
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गिरिडीह: भारतीय जीवन बीमा निगम के अधिकारियों, विकास अधिकारियों एवं कर्मचारियों के द्वारा अपनी मांगों को लेकर भोजनावकाश के समय द्वार प्रदर्शन किया गया। यह प्रदर्शन अखिल भारतीय बीमा कर्मचारी संघ एलआईसी क्लास वन ऑफिसर फेडरेशन तथा विकास अधिकारी संघ एनएफआईएफवी के ज्वाइंट फोरम के द्वारा किया गया। जानकारी देते हुए संघ के सचिव धर्म प्रकाश ने कहा कि केंद्र सरकार एलआईसी का आईपीओ के माध्यम से विनिवेशीकरण करने का निर्णय ले चुकी है। मालूम हो के एल आई सी का गठन 1956 में 5 करोड़ की पूंजी से हुई थी और अभी कुल परिसंपत्ति 32 लाख करोड़ से अधिक की है। एलआईसी हमेशा देश के विकास के लिए पंचवर्षीय योजना में कुल खर्च का 20% निवेश करती है तथा आम जनता को आर्थिक सुरक्षा मुहैया कराती है।
आज बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा को 49% से 74% करने का प्रावधान किया गया है। जब एफडीआई की सीमा 49% था उस समय भी मात्र 32% ही विदेशी निवेश हुआ। ऐसे में इस सीमा को बढ़ाने का कोई औचित्य नहीं है। एलआईसी में अधिकारियों और कर्मचारियों का वेतन पुनरीक्षण 1 अगस्त 2017 से बकाया है। इतना समय बीत जाने के बाद भी इस पर केंद्र सरकार और एलआईसी प्रबंधन का रवैया उदासीन है। कार्यक्रम में संजय शर्मा, विजय कुमार, अनुराग मुर्मू, संहीता सरकार, कुमकुम वाला बर्मा, डेनियल मरांडी ,राजेश कुमार उपाध्याय, शंकर कुमार, प्रमोद कुमार शर्मा, गौरव कुमार रोशन कुमार, श्वेता, विनय कुमार, सुनील कुमार वर्मा अभय कुमार श्वेता कुमारी, दीपक पासवान, नीरज कुमार सिंह ,अनिल कुमार वर्मा, प्रवीण हसदा, नीतीश कुमार गुप्ता ,प्रीतम कुमार, अंशु सिंघानिया,सबा परवीन,प्रभाष शर्मा,गौरव कुमार, संजय कुमार शर्मा,महेश्वरी वर्मा, प्रदीप कुमार पंकज कुमार आदि उपस्थित थे।