पचम्बा थाना में दर्ज लुटकांड के एक मामले का खुलासा हो गया है। थाना में मामला दर्ज करने वाला तनवीर आलम ही षडयंत्र रच कर लुट का मामला बताया लेकिन स्वयं ही पुलिसिया सिकंजा में फंस गया। मामला रुपए गबन करने का था लेकिन पुलिसया शिकंजे में आए तनवीर आलम की चोरी पकड़ी गई पुलिस ने जब इस मामले की जांच पड़ताल की और तनवीर आलम से कड़ाई से पूछताछ किया तो मामला लूटपाट का नहीं बल्कि गबन का मामला साबित हुआ। मामला एक माइक्रो फाइनेंस कंपनी से जुड़ा हुआ है।
यह माइक्रो फाइनेंस कंपनी का हेड क्वार्टर गिरिडीह के बरमसिया में अवस्थित है जिसमें तनवीर आलम रुपये संग्रह करने का काम किया करता था और जब उसके पास ₹51,730 जमा हो गए तो उसकी नियत बिगड़ गई और उन्होंने इस रुपए को गबन करने का षड्यंत्र रच दिया और पचम्बा थाने में जाकर दो अपराधियों पर पिस्टल के नोक पर रुपए छीनने का आवेदन दे दिया।
पचंबा थाना पुलिस ने इस लूट कांड की जांच पड़ताल शुरू कर दी इसी दरमियान इस माइक्रो फाइनेंस कंपनी के मैनेजर रविंद्र सिंह ने पचम्बा थाना प्रभारी नितेश कुमार से टेलीफोन पर सूचना दी कि यह मामला लूट कांड का नहीं है बल्कि तनवीर आलम के द्वारा गबन कर लिए जाने का मामला है। मैनेजर की सूचना पर पचम्बा थाना पुलिस ने तनवीर आलम से कड़ाई से पूछताछ की तो उन्होंने अपने षड्यंत्र के बारे में पुलिस को बताते हुए अपनी गलती स्वीकार कर ली।