महालया से दुर्गा पूजा की शुरुआत हो जाती है। बंगाल के लोगों के लिए महालया का विशेष महत्व है और वह साल भर इस दिन की प्रतीक्षा करते हैं। महालया के साथ ही जहां एक तरफ श्राद्ध खत्म हो जाते हैं वहीं मान्यताओं के अनुसार इसी दिन मां दुर्गा कैलाश पर्वत से धरती पर आगमन करती हैं और अगले 10 दिनों तक यहीं रहती हैं।
सर्व पितृ अमावस्या और महालया इस बार 6 अक्टूबर यानी कल है। महालया के दिन ही मूर्तिकार मां दुर्गा की आंखें तैयार करते हैं। महालया के बाद ही मां दुर्गा की मूर्तियों को अंतिम रूप दिया जाता है।