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नगर निगम के पूर्व महापौर ने विधायक समेत अन्य के विरुद्ध एससी,एसटी थाने में की शिकायत, दुर्भावना में ग्रसित होकर एक तरफ़ा कार्रवाई का लगाया आरोप

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गिरिडीह। गिरिडीह नगर निगम के महापौर सुनील पासवान के जाती प्रमाण पत्र को रद्द करते हुए उन्हें महापौर पद से पदमुक्त किये जाने के बाद राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गयी है। निगम के पूर्व महापौर ने इस मामले में दुर्भावना में ग्रसित होकर राजनीतिक साजिश के तहत उनके विरुद्ध कार्रवाई करते हुए पदमुक्त करने का आरोप लगाया है। इस संबंध में सुनील पासवान ने एससी एसटी थाने में झामुमो के जिलाध्यक्ष संजय सिंह, गिरिडीह विधायक सुदिव्य कुमार सोनू, झामुमो का महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य, गिरिडीह सदर अंचल के तत्कालीन सीओ रविन्द्र कुमार सिन्हा, तत्कालीन एसडीएम विजया जाधव, सरकार के अपर सचिव एके रत्न, नगर विकास विभाग के सचिव विनय चौबे के विरुद्ध लिखित शिकायत करते हुए कार्रवाई की मांग की है।

पूर्व महापौर ने आरोप लगाते हुए कहा है कि उक्त लोगों की मिलीभगत से गलत ढंग से प्रचार कर उनके जाती प्रमाण पत्र को निरस्त कराया गया है। कहा कि कानूनी प्रक्रिया को ताख पर रखते हुए सत्ता के प्रभाव से गलत तरीका अपना कर एक दलित महापौर को पदमुक्त कराया गया है। उन्होंने कहा कि इनलोगों के कारण जनता के विश्वास को गघाट पहुंचाया गया है। गिरिडीह की जनता ने उन्हें महापौर के रूप में चुना था मगर सरकार में शामिल लोगों ने राजनीतिक दुर्भावना से ग्रसित होकर उनके विरुद्ध षड्यंत्र रचा कर उन्हें महापौर के पद से हटाने का काम किया है। कहा कि उनकी जाति प्रमाण पत्र के जांच का मामला न्यायालय में विचाराधीन है। बावजूद इसके बिना जांच किये ही उनकी जाति प्रमाण पत्र को फर्जी बताया गया और उनके विरुद्ध कार्रवाई की गई है। कहा कि उन्होंने एससी एसटी एक्ट के तहत जितने दस्तावेज चाहिए उसके आधार पर चुनाव लड़ा था। सरकार निर्वाचन नीति लागू ना करते हुए नियोजन नीति के तहत उनके विरुद्ध कार्रवाई कर रही है। उन्होंने अपने विरुद्ध की गई कार्रवाई को लोकतंत्र का हत्या करार दिया है।

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