मंगलवार को रांची-गिरिडीह रांची इंटरसिटी एक्सप्रेस ट्रेन का उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल होने के लिए सोमवार को केन्द्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी गिरिडीह पहुंची और गैल के गिरिडीह जिले को दिए गए दो मोबाइल मेडिकल वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना की।
मौके पर गैल के सीएसआर फंड के निदेशक अनूप गुप्ता, सीसीएल के जीएम बसाक चाौधरी, अपर समाहर्ता विल्सन भेंगरा, डीआरडीए निदेशक आलोक कुमार, जिला शिक्षा अधीक्षक विनय कुमार, भाजपा अध्यक्ष महादेव दुबे, भाजपा नेता मुकेश जालान, दिनेश यादव, उषा कुमारी समेत कई मौजूद थे। इस दौरान उन्होंने प्रेसवार्ता के माध्यम से कहा कि गैस अथॉरिटी इंडिया प्राईवेट लिमिटेड गैल ने गिरिडीह को दो मोबाइल मेडिकल वैन दिया है। जिससे ग्रामीण इलाकों तक स्वास्थ सुविधा समय पर पहुंच सके। इसके लिए मेडिकल वैन में चिकित्सक, स्वास्थ कर्मी और पारा मेडिकल भी मौजूद रहेगें।
प्रेसवार्ता के दौरान केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि गिरिडीह से रांची के लिए ट्रेन सुविधा को चालू कराना उनकी प्राथमिकता थी। जिसकी मंगलवार को शुरुआत होगी। कहा कि भारत सरकार के अकांक्षी जिलों की सूची में गिरिडीह भी शामिल है और पीएम नरेन्द्र मोदी का पूरा प्रयास है कि हर अकांक्षी जिलों को उनका हर अधिकार मिले, इसमें ट्रेन की सुविधा भी शामिल है। ऐसे में अमृत योजना के तहत गिरिडीह के सरिया स्टेशन का चयन उसके सौंदर्यीकरण के लिए हुआ है।
गांवा में पुल और सड़क के अभाव में एबूलेंस नहीं पहुंच पाने के कारण महिला की हुई मौत मामले में केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि दो साल पहले भी ऐसा वाक्या हो चुका है। क्योंकि झारखंड की हेमंत सरकार नही चाहती है कि ग्रामीण इलाकों में तेजी से सड़क और पुल का निर्माण हो। जबकि भारत सरकार पुल और ग्रामीण सड़क निर्माण के लिए पूरा फंड देने के लिए तैयार है। लेकिन जब रिपोर्ट मांगा जाता है तो हेमंत सरकार के अधिकारी रिपोर्ट तक नहीं देते। केन्द्रीय मंत्री ने हेमंत सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि योजनाओं के चयन के लिए न तो हेमंत सरकार सुनते है और न ही उनके सरकार के सचिव। अब ऐसे में इस प्रकार की अफसोसजनक घटना पर किसकी जवाबदेही तय हो।