गिरिडीह : बेंगाबाद थाना में पूर्व पदस्थापित तत्कालीन एक एएसआई को ताराजोरी गांव के जनजातियों ने छेड़खानी के मामले में घंटों बंधक बना लिया. उसके साथ धक्का-मुक्की व मारपीट भी की गई. हालांकि उसने अपनी जुर्म में गलती को स्वीकार करते हुए ₹20000 जुर्माना देने की बात को भी स्वीकार की। इसी दरमियान बेंगाबाद पुलिस को किसी ने गुप्त सूचना दी।
सूचना मिलते ही थाना प्रभारी कमलेश पासवान सदल बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचकर बंधक बने तत्कालीन एएसआइ(लिंयागी) को मुक्त कराया. बताया जाता है कि बीते दो-तीन दिनों से ताराजोऱी गांव में तत्कालीन एएसआई चक्कर काट रहा था पूछे जाने पर लोगों को बताया जा रहा था कि किसी केस के मामले के अनुसंधान में जुटी है लेकिन तत्कालीन एएसआई बीते रात एक विधवा महिला के घर में देखा गया। लोगों को आशंका हुई और जनजातियों ने उसे बंधक बना लिया। बेंगाबाद पुलिस को सूचना दी गई। हालांकि सूचना पाते ही बेंगाबाद पुलिस पहुंचकर तत्कालीन एएसआई को जनजातियों से मुक्त कराया. थाना प्रभारी कमलेश पासवान ने भी इस घटना के बारे में बताया कि पूर्व एएसआई को ग्रामीणों के द्वारा छेड़छाड़ के आरोप में बंधक बनाकर रखा गया था।
जिसकी सूचना मिली थी जिसके बाद उसे बंधन मुक्त करा कर थाना ले आया गया है। और मामले की जांच पड़ताल की जा रही है। वहीं स्थानीय ग्रामीण रवि लाल कृष्णा ने बताया कि एएसआई मुनेश्वर लियांगी को फिलहाल पुलिस अपने साथ थाने ले गई है। वहीं इससे पहले एक बॉन्ड पेपर में मुनेश्वर लियांगी से सिग्नेचर करवाया गया और 20000 जुर्माना देकर उन्होंने अपनी गलती को स्वीकार की है और फिर इस गांव में नहीं आने की बात कही है।