गिरिडीह जिले के प्रथम आईएएस और प्रथम आईआईटीयन केके खंडेलवाल आज गिरिडीह हाईस्कूल पहुंचे। उन्होंने इसी स्कूल से पढ़ाई की थी। लगभग 45 साल बाद अपने स्कूल में दुबारा आए श्री खंडेलवाल का स्कूल में भव्य स्वागत हुआ। प्राचार्य श्री मनोज रजक ने कहा कि राज्य के महत्वपूर्ण प्रशासनिक पद पर रहे हमारे पूर्व विद्यार्थी के आगमन से हमारे स्टूडेंट्स को काफी प्रेरणा मिलेगी। तत्कालीन शिक्षक श्री दिनेश प्रसाद और पूर्ववर्ती विद्यार्थी अजीत बरनवाल ने भी केके खंडेलवाल से जुड़े संस्मरण सुनाए।
इस दौरान श्री खंडेलवाल ने विद्यालय से जुड़ी अपनी कई स्मृतियां साझा कीं। उन्होंने कहा कि शिक्षकों से हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली। यही कारण है कि जब गिरिडीह में आईआईटी और आईएएस की तैयारी का कोई कोचिंग संस्थान नहीं था, उस दौरान उन्हें इन दोनों में सफलता मिली। श्री खंडेलवाल ने कहा कि आज प्रतियोगिता के दौर में स्टूडेंट्स को अपने कैरियर का चुनाव काफी गंभीरता से करना चाहिए। जिनमें आईआईटी से इंजीनियरिंग पढ़ने की लगन हो, उन्हें काफी गहराई से इसकी तैयारी करनी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि झारखंड के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी पद से रिटायर श्री खंडेलवाल खुद भी आईआईटीयन हैं। अपने सेवाकाल में उन्होंने जिन 16 बच्चों को पढ़ाया, सबको आईआईटी में प्रवेश मिला। उनके बेटे अनुपम को ऑल इंडिया रैंक 09 मिला। यह झारखंड बनने से अब तक रांची का सर्वश्रेष्ठ रैंक है। सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने आईआईटी की हाई क्वालिटी तैयारी कराने के लिए रांची में खंडेलवाल क्लासेस की स्थापना की है।
श्री खंडेलवाल ने कहा कि एक बार आपने आगे बढ़ने की ठान ली तो कोई भी बाधा मुश्किल नहीं होगी। उन्होंने कहा कि गिरिडीह हाईस्कूल में पढ़ाई के दौरान ही मुझे आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली। श्री खंडेलवाल ने बच्चों को फ़ास्ट कैलकुलेशन के तरीके और गणित के जुड़े कई बिंदुओं की जानकारी दी। स्टूडेंट्स ने इन विषयों में काफी दिलचस्पी दिखाई। आज कार्यक्रम के दौरान स्टूडेंट्स ने श्री खंडेलवाल से कई सवाल भी पूछे। मंच संचालन शिक्षक विवेक सिन्हा ने किया।