गिरिडीह झारखण्ड धर्म

गुरूनानक देव जी महाराज की 554 वीं जयंती पर गिरिडीह में निकाली गई भव्य शोभा यात्रा

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गिरिडीह। जो बोले सोनेहाल, सत्श्रीअकाल …….. नानक नाम चढ़दी कला तेरे भाने सरबत दा भला, अव्वल अल्लाह नूर उपाया कुदरत के सब बंदे,
एक नूर ते सब जग उपजाया कौन भले को मंदे,
जैसे कई बोल वचन से रविवार को पूरा शहर गुजांयमान रहा। हर तरफ नानकदेव की भक्ति में लोग डुबे हुए थे।

मौका था सिखो के प्रथम गुरू गुरूनानक देव जी की 554 वीं जयंती का। रविवार को स्टेशन रोड गुरूद्वारा गुरू सिंह सभा से गुरूनानक देव जी की भव्य शोभा यात्रा निकाली गयी। शोभा यात्रा मुस्लिम बाजार, कालीबाड़ी, टावर चौक मकतपुर चौक होते हुए वापस स्टेशन रोड स्थित गुरूद्वारा पहुंची। इस शोभा यात्रा में सिख समाज के हजारों की संख्या में महिला-पुरूष व बच्चों ने भाग लिया। स्थानीय कलाकार व स्त्री सत्संग की महिलाओं के द्वारा शहर भ्रमण में कई भजन प्रस्तुत किये गये।

जिसे सुनकर संगत निहाल हो गयी। नगर भ्रमण में सड़क को पानी और झाड़ू देकर शुद्ध किया जा रहा था। और फूलों की वर्षा की जा रही थी। साथ ही पूरे रास्ते में प्रसाद वितरण भी किया गया। इस शोभा यात्रा में पंज प्यारे और पंज प्यारिया, सिनियर व जुनियर, वहीं स्त्री पंज प्यारियां हाथ में निशान साहेब लिये हुए पूरे रास्ते में चल रहीं थी।

शोभा यात्रा के दौरान लोग वाहेगुरू – वाहेगुरू का जाप किये जा रहें थे। मौके पर गुरूद्वारा गुरूसिंह सभा के प्रधान डॉक्टर गुणवंत सिंह मोंगिया, सचिव नरेंद्र सिंह सलुजा उर्फ सम्मी, अमरजीत सिंह सलुजा, , चरणजीत सिंह सलूजा, सतविंदर सिंह सलुजा, तरणजीत सिंह, मनमीत सिंह, हरमिंदर सिंह बग्गा, परमजीत सिंह (कालू), सम्मी सलुजा के अलावा गुरूदीप सिंह बग्गा, राजू सिंह दुआ, कुशल सलुजा, चिरंजीव सिंह, राजेंद्र सिंह, गिन्दर सिंह, गुरूदीप सिंह बग्गा,हरमिंदर सिंह बग्गा, तरनजीत कौर, डिम्पी कौर खालसा, सुखदीप कौर, सोनम कौर, समेत भारी संख्या में सिख समाज के लोग उपस्थित थे।