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आज है मकर संक्रांति, शुरू होगा मांगलिक कार्यों का नया दौर

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आज मकर संक्रांति है। आज एक महीने का खरमास उतर रहा है। इसके साथ ही शुरू होगा मांगलिक कार्यों का नया दौर। खूब शहनाई बजेगी, नए-नए रिश्ते बनेंगे। बीते एक महीने से सूरज देवता धनु राशि में विराजमान थे, जिसके चलते शादी-ब्याह और नए रिश्ते देखने जैसे तमाम कार्यों पर रोक लगी थी। आज यानी मकर संक्रांति से सूर्य मकर राशि में प्रवेश कर रहा है।

मकर संक्रांति एक ऐसा पर्व है, जो किसी-न-किसी रूप में पूरे देश में मनाया जाता है। कहीं पोंगल, कहीं लोहड़ी, कहीं खिचड़ी तो कहीं दही-चूड़ा के नाम से।

ये पर्व सूर्य के मकर राशि में आने पर मनाया जाता है। दक्षिणायन समाप्त हो जाएगा और अब 6 महीनों तक सूर्य उत्तरायण रहेगा। ठंड कम होने लगेगी, गर्मी बढ़ेगी। दिन बड़े और रातें छोटी होने लगेंगी। शास्त्रों में बताया गया है कि मकर संक्रांति से देवताओं के दिन की शुरुआत होती है। मकर संक्रांति सूर्य की स्थिति के आधार पर मनाया जाने वाला पर्व है, बाकी पर्व चंद्र की स्थिति के आधार पर मनाए जाते हैं। इस दिन सूर्य पूजा के साथ ही तिल, कंबल, मच्छरदानी, खिचड़ी, गुड़ का दान करने की परंपरा है। पूरे दिन दान-पुण्य, पूजा-पाठ और तीर्थ दर्शन कर सकते हैं।