गिरिडीह के नगर भवन में परिसंपत्ति वितरण कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित केंद्रीय राज्य शिक्षा मंत्री अन्नपूर्णा देवी के समक्ष झारखंड राज्य एकीकृत पोषण सखी संघ ने खूब हंगामा किया। इस बाबत प्रदेश महासचिव प्रमिला कुमारी ने बताया कि पोषण सखी की बहाली वर्ष 2016 में मेरिट लिस्ट के आधार पर किया गया था। जिसमें 10% विधवा एवं विकलांग लोगों को आरक्षण दिया गया था। बहाली के बाद से ही पोषण सखी सच्ची निष्ठा के साथ 6 वर्ष से काम करते हुए आ रही हैं।
इसके बावजूद भी हम लोगों की सेवा बर्खास्त कर दी गई जो गलत है। 1 वर्ष के मानदेय का भुगतान भी नहीं किया गया। आज केंद्रीय राज्य मंत्री महिला सशक्तिकरण को लेकर बड़ी-बड़ी बातें कर रही है। लेकिन हम लोग पोषण सखी के साथ दुर्व्यवहार करने का काम किया जा रहा है। इसी को लेकर आज हम लोगों ने केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री के समक्ष अपनी बातों को रखें। इस पर केंद्रीय राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने आश्वासन देते हुए कहा कि पोषण सखी की मांगों पर विचार किया जाएगा। गौरतलब है कि पोषण सखी द्वारा अपनी मांगों को लेकर 23 फरवरी से 24 मार्च तक रांची राज भवन के सामने लगातार अस्थाई सेवा को लेकर आंदोलन किया गया था। इस दौरान सत्ता और विपक्ष दोनों पार्टियों के कई नेता धरना स्थल पर पहुंचकर आश्वासन देते हुए कहा कि आप लोगों की मांग जायज है। सभी पोषण सखियों की नौकरी स्थाई कर दी जाएगी।
लेकिन उसी दिन सेवा से मुक्त की चिट्ठी जारी कर दी गई। इसी के विरोध में एक बार फिर पोषण सखी के सदस्यों ने 1 जून को राजभवन के समक्ष फिर से धरना प्रदर्शन किया गया था। लेकिन राज्य सरकार अब तक इस पर कोई विचार नहीं लिए है। इस बाबत पोषण सखी ने एक सुर में कहा कि यदि हम लोगों का सेवा निरस्त चिट्ठी वापस नहीं लेती है तो पोषण सखी द्वारा सरकार के विरुद्ध जोरदार रूप से प्रदर्शन किया जाएगा। मौके पर नाजिया प्रवीण,अनु कुमारी,सोनम देवी, अमिता कुमारी,बबली कुमारी, ऊषा कुमारी समेत कई पोषण सखी की महिलाएं उपस्थित थी।