एकांतवास में रहने के बाद प्रभु 30 जून को नेत्रदान के बाद आमजन को दर्शन देंगे। मंदिर के गर्भगृह से बाहर आने के बाद स्नान मंडप में श्री भगवान का नेत्रदान होगा। इस दिन भगवान जगन्नाथ, बलराम एवं सुभद्रा के विग्रहों की आरती होगी।
इसके बाद भगवान शयन के लिए लाएंगे। एक जुलाई को रथ यात्रा निकलेगी। भगवान श्री जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भाई बलराम रथारूढ़ होकर मौसीबाड़ी के लिए प्रस्थान करेंगे।