अखिल विश्व गायत्री परिवार द्वारा आयोजित 24 कुंडीय शक्ति संवर्धन गायत्री महायज्ञ की आज पूर्णाहुति संपन्न हो गई।
आज अंतिम दिन लगभग डेढ़ हजार लोगों ने अपने हाथों से यज्ञ भगवान को आहुतियां प्रदान कर सबके उज्जवल भविष्य, मंगलमय एवं स्वस्थ जीवन की प्रार्थना यज्ञ भगवान से की l इससे पूर्व बीते देर शाम को दीप महायज्ञ का आयोजन किया गया जिससे पूरा गायत्री शक्तिपीठ परिसर दीपकों के प्रकाश से जगमग हो उठा l
इस अवसर पर शांतिकुंज प्रतिनिधि बालक राम रत्न मूल ने कहा कि आज दुनिया में संपत्ति साधन तो आवश्यकता से ज्यादा बढे हैं परंतु मनुष्य के अंदर के मानवीय संस्कार यथा दया ,करुणा ,ईमानदारी , श्रमशीलता ,परमार्थ परायणता ,सहायता की भावना प्राय समाप्त हो गई है l मानवता अपने अस्तित्व की अंतिम लड़ाई लड़ रही है l अब भी मनुष्य नहीं सुधरा तो दुनिया तहस-नहस हो जाएगी l साधन संपत्ती सुविधा किसी के काम नहीं आएगी l वर्तमान समय में आय का 60% हिस्सा नशा, युद्ध, मुकदमें बाजी , फैशनपरस्ती आदि विभिन्न दुर्गुणों में खर्च हो रहा है इसे रोक कर हम एक अच्छा जीवन जी सकते हैं l आज दर्जनों लोगों ने नशा नहीं करने ,फैशन परस्ती ,क्रोध ,आलस्य त्यागने का संकल्प लिया एवं नियमित सूर्य ध्यान, गायत्री मंत्र जप , लेखन एवं वृक्षारोपण का संकल्प लिया l
आज अंतिम दिन 5 बच्चों का मुंडन,11 बच्चों का विद्यारंभ एवं 35 लोगों ने गायत्री महामंत्र की दीक्षा ली l आज भंडारे का भी आयोजन किया गया जिसमें हजारों लोगों भंडारे का ने प्रसाद ग्रहण किया।
आज के कार्यक्रम को सफल बनाने में कामेश्वर सिंह, दर्शन पंडित , बासुकीनाथ राय, जय प्रकाश राम, भागीरथ प्रसाद सिंह ,नरेश यादव ,तुलसी पंडित ,अनिरुद्ध राम, महेश गुप्ता, अतुल कुमार,विकास बरबिघैया, रतन राम , उर्मिला बरनवाल , वीणा गुप्ता, पूनम बरनवाल, रंजीता बरनवाल,अर्चना देवी, पार्वती बरनवाल , सुमन गुप्ता, मधु चौरसिया, अमृता बरनवाल, शशि बरनवाल सहित गायत्री परिवार के भाइयों एवं बहनों का भरपूर सहयोग प्राप्त हुआ।