दुमका स्तिथ सिद्धू कान्हू इंडोर स्टेडियम के सभागार में अभिभावकों के लिए एक शैक्षणिक सेमिनार का आयोजन किया गया जिसमे बड़ी संख्या में अभिभावक उपलब्ध रहे । विषय था इस डिजिटल युग में अपने बच्चों को सफल कैसे बनायें। दुमका चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स और रेड क्रॉस सोसाइटी के अध्यक्ष मनोज घोष, चेयरमैन मुश्ताक़ अली, आर के वर्मा ,खेल पदाधिकारी पोद्दार बतौर विशेष अतिथि उपलब्ध रहे।
सेमिनार का उद्देश्य डिजिटल युग में बच्चों की परवरिश में अभिभावक की क्या भूमिका है इस पर विशेष प्रकाश डाला गया। अभिभावकों को बताया गया की कैसे टेक्नोलॉजी एक बाधा नहीं बल्कि एक बहुत बड़ा वरदान है और इक्कीसवी सदी का आधार हैं। चूँकि इक्कीसवी सदी टेक्नोलॉजी का युग है , इसमे जितनी सुविधाएँ है उतनी ही चुनौतियाँ। इस युग में बच्चों को सफल होने हेतु चार स्किल पर बहुत विशेष ध्यान होगा , बच्चों में कम्युनिकेशन क्षमता को बढ़ाना होगा, किताबी ज्ञान के अलावा स्किल पर फोकस करना होगा , टेक्नोलॉजी को व्यावहारिक जीवन में प्रयोग लाने के स्किल पर ध्यान होगा और अंततः उनमें संस्कार को भी बनाये रखना होगा।
सलूजा गोल्ड इंटरनेशनल स्कूल झारखण्ड का पहला ऐसा स्कूल है जो पूरी तरह लाइफ स्किल और रियल लाइफ लर्निंग पर फोकस करता है। विद्यालय ने भविष्य निर्माण और चुनातियों को स्वीकार करने हेतु रोबोटिक्स की पढाई को कक्षा पहली से ही शुरू कर दिया है। विद्यालय ने अपना करिकुलम ऐसा तैयार किया है जिससे की विद्यार्थी को उनकी क्षमता के अनुसार तैयार कर सके। श्री पोद्दार ने सलूजा गोल्ड इंटरनेशनल स्कूल में पढाई के लिए बनायीं गयी रूप रेखा की तारीफ की और कहा की 1990 और 2025 दो अलग अलग जनरेशन है और समय के साथ हो रहे परिवर्तन में अपने आप को ढालना ही बुद्धिमानी हैं। मनोज घोष ने कहा कि विद्यार्थियों को संस्कार युक्त बनाने में शिक्षकों एवं अभिभावकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है I उन्होने सलूजा गोल्ड इंटरनेशनल स्कूल द द्वारा विद्यार्थियों को दी जा सुविधा को सराहा और कहा की टेक्नोलॉजी के साथ साथ संस्कार पर भी विशेष ध्यान देना होगा। श्री आर के वर्मा ने अभिभावकों का स्वागत करते हुए कहा कि किसी छात्र की शैक्षणिक प्रगति विषयों को याद करने से नहीं बल्कि समझ कर पढ़ने से होती हैं। उन्होने सलूजा गोल्ड इंटरनेशनल स्कूल में प्रदान की जा रही सुविधा की प्रशंसा की और कहा की अच्छी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए सलूजा गोल्ड इंटरनेशनल स्कूल में पढ़ना विद्यार्थियों के लिए एक अच्छा विकल्प हैं।