गिरिडीह में एक बार फिर निजी क्लिक में प्रसूता की मौत का आरोप अस्पताल प्रबंधन पर लगा है। मामला शहर के बिशनपुर स्थित सहयोग हॉस्पिटल का है, जहां डॉ शीला वर्मा की देखरेख में प्रसव के दौरान एक महिला की मौत हो गई है। मृतका की पहचान जमुआ थाना क्षेत्र के तारा चुंगलों निवासी 25 वर्षीय सारती कुमारी के रूप में हुई है।
घटना को लेकर परिजनों ने बताया कि बीती रात सारती कुमारी को प्रसव पीड़ा उठा था, जिसके बाद लगभग 9 बजे उसे सहयोग अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मंगलवार की सुबह करीब 8 बजे ऑपरेशन (सीज़ेरियन) के माध्यम से डिलीवरी की गई, जिसमें बच्चा सुरक्षित रहा, लेकिन महिला की स्थिति बिगड़ गई।
परिजनों का आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन ने पूरे दिन उन्हें महिला की स्थिति के बारे में उन्हें अंधेरे में रखा और उन्हें उनसे मिलने नहीं दिया गया। जब परिजनों से अस्पताल द्वारा इलाज के नाम पर पूरी राशि वसूल ली गई, तब जाकर बताया गया कि मरीज की हालत गंभीर है उन्हें गिरिडीह से बाहर इलाज के लिए ले जाओ लेकिन जब परिजन के एक सदस्य ने प्रसूता को जाकर देखा तो पाया कि प्रसूता सारती की मौत हो चुकी है।
आपको बता दें प्रसूता की मौत की जानकारी मिलने के बाद आक्रोशित परिजनों ने अस्पताल परिसर में जम कर हंगामा किया। घटना की जानकारी मिलने के बाद पचम्बा थाना की पुलिस भी मौके पर पहुंची और आक्रोशित परिजनों को समझा बुझा कर शांत करवाया। वहीं सूचना मिलने के बाद झामुमो के जिलाध्यक्ष संजय सिंह भी अस्पताल पहुंचे और पूरे घटना की जानकारी ली।
वहीं इस संबंध में सहयोग अस्पताल की संचालक डॉक्टर शीला वर्मा ने बताया कि अस्पताल के द्वारा किसी भी तरह का कोई भी लापरवाही नहीं हुई है पेसेंट के परिजनों को पहले ही बता दिया गया था केस डिफिकल्ट है। उसके बाद भी मरीज को मैं खुद हैंडल कर रही थी केस डिफिकल्ट रहने के कारण सिजेरियन कर बच्चों को जन्म दिया गया उसके बाद भी मरीज की हालत ठीक थी लेकिन मरीज की ब्लड प्रेशर नॉर्मल नहीं हुई इसके बाद इलाज के दौरान सारती कुमारी की स्थिति में गिरावट आई और उनकी मौत हो गई। इसमें हॉस्पिटल या फिर किसी हॉस्पिटल कर्मी के लापरवाही का सवाल ही नहीं उठाता है। हॉस्पिटल द्वारा सारती कुमारी को बचाने का पूरा प्रयास किया गया कहीं से भी किसी तरह की कोई लापरवाही नहीं की गई है।