गिरिडीह झारखण्ड

गिरिडीह: बालासोर ट्रेन हादसा- युवक को मरा समझ लौट रहे थे परिजन, जीवित होने की मिली सूचना

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गिरिडीह जिले के गावां थाना क्षेत्र के पथलडीहा गांव निवासी एक युवक के बारे में अफवाह फैल गई कि उसकी मौत बालासोर ट्रेन हादसे में हो चुकी है. मौत की खबर से गांव में मातम पसर गया. फिर जीवित होने का समाचार पाकर मातम खुशी में बदल गया. गंगा भुइयां का 19 वर्षीय पुत्र पवन कुमार 1 जून की अहले सुबह चेन्नई जाने के लिए घर से रवाना हुआ.

चेन्नई में वह एक रेस्टोरेंट में काम करता था. 1 जून को वह कोलकाता के हावड़ा रेलवे स्टेशन में शाम 4 बजे कोरोमंडल एक्सप्रेस में सवार हुआ. ट्रेन में बैठने के बाद अपने माता-पिता को फोन भी किया. बाद में परिजनों को ट्रेन हादसे की खबर मिली. परिजन यह नहीं समझ पा रहे थे कि वह जीवित है या उसकी मृत्यु हो चुकी है. इसी उधेड़बुन में परिजन घटनास्थल पर जाना चाह रहे थे. स्थानीय समाजसेवियों ने आर्थिक मदद कर एक वाहन से युवक के पिता समेत चार लोगों को एक वाहन से बालासोर घटनास्थल के लिए भेजा.

बालासोर पहुंच कर दर्जनों शवों को उलट पलट कर देखा लेकिन युवक का पता नहीं चला. बाद में अस्पताल में पड़े एक शव का चेहरा उससे मिलता जुलता था. पिता समेत अन्य लोगों ने सोच लिया जिसकी तलाश में वे लोग आए हैं, उसकी मौत हो चुकी है. वे लोग शव को गांव ले जाना चाहते थे, लेकिन पर्याप्त रुपए नहीं होने के कारण शव को वहीं छोड़कर गांव के लिए रवाना हो गए. 4 जून की देर रात आसनसोल पहुंचने पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार गिरिडीह के सचिव सौरभ कुमार गौतम ने युवक के पिता को जानकारी दी कि उनका पुत्र जीवित है. उसका इलाज कटक के एक अस्पताल में चल रहा है. सूचना पाते ही गंगा भुइयां समेत अन्य परिजन अस्पताल के लिए रवाना हो गए.