गिरिडीह

गिरिडीह में धूमधाम से मनाया गया सरहुल का त्योहार, मांदर की थाप में झूमते नजर आए आदिवासी युवक-युवतीयाँ

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गिरिडीह शहरी क्षेत्र में आज मंगलवार को सिकार देशोम बाहा बोंगा महोत्सव आदिवासी छात्रसंघ के नेतृत्व में जिला भर के आदिवासी समाज के लोगों ने शामिल हुए। आदिवासियों का यह पर्व प्रकृति से जुड़ी हुई है इसमें प्रकृति की पूजा आदिवासियों की विधिविधान के साथ आदिवासियों के पुरोहित नायके बाबा के द्वारा जिला मांझीथान के बगल में जाहेरथान पूजा स्थल में पूजा सम्पन्न किया गया।

नायके आदिवासियों की सुखी समृद्धि और खुशहाल जीवन की कामना करते हैं। सरहुल सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि आदिवासी समाज की सांस्कृतिक धरोहर है, जो प्रकृति, सामूहिकता और आध्यात्मिकता का प्रतीक है। यह हमें पर्यावरण के संरक्षण और पारंपरिक मूल्यों के सम्मान की सीख देता है। तत्पश्चात पारंपरिक नृत्य शैली के माध्यम से रोड शो मांझी थान से लेकर अंत में गिरिडीह हाई स्कूल छात्रावास प्रांगण में कार्यक्रम का अखाड़ा सम्पन्न हुआ।

इस मौके पर अतिथि के रूप झारखंड के जिला के एवं नगर एवं उच्च शिक्षा तकनीकी पर्यटन ,संस्कृति मंत्री सदर विधायक सुदिव्य कुमार सोनू उपस्थित हुए और बहा पर्व की शुभकामनाएं दिए समाज के बुद्धि जीवी नूनका टुडू, नुनु लाल मरांडी ,नुनु राम किस्कू सिकंदर हेंब्रम, आदिवासी छात्रसंघ के जिला अध्यक्ष प्रदीप सोरेन,सचिव मदन हेंब्रम,मीडिया प्रभारी रमेश मुर्मू,कोषाध्यक्ष चांद सोरेन, सदस्य गण मुजिलाल टुडू, समीर मुर्मू ,अनिल हेंब्रम,गणेश हांसदा,रितेश सोरेन, छात्रनायक सोनालाल मुर्मू, भोला राम टुडू,प्रदीप मरांडी,सूरज मुर्मू, छात्र नायिका रेणुका हांसदा, तीसरी से दिमोल मरांडी, किशोर मुर्मू, समाजिक कार्यकर्ता दिलीप मुर्मू एवं समस्त जिला भर के सैकड़ों लोगों ने इस महा पर्व में शामिल होकर इस पर्व के सफल बनाया।

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