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सियालदह-जम्मूतवी एक्सप्रेसमें दो बच्चों को ट्रेन में छोड़ भाग गये माता-पिता, आरपीएफ ने बच्चों को मिशनरी ऑफ चैरिटी गिरिडीह को सौंपा

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दो छोटे-छोटे बच्चों को ट्रेन के डब्बे में बैठाकर उसके माता-पिता कहीं उतर गये। काफी देर तक माता-पिता को नहीं देख दोनों बच्चे रोने लगे। इसकी सूचना ट्रेन में बैठे यात्रियों ने कंट्रोल रूम धनबाद को दी। सूचना पर विभाग सक्रिय हुआ तथा ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते के तहत आरपीएफ हजारीबाग रोड ने दोनों बच्चों को ट्रेन के डब्बे में रोते हुए बरामद किया। दोनों को उचित देखरेख के लिए बाल कल्याण समिति गिरिडीह के आदेशानुसार मिशनरी ऑफ चैरिटी गिरिडीह को सौंप दिया। आरपीएफ हजारीबाग रोड के उप निरीक्षक लखनदेव सिंह ने बताया कि बुधवार की शाम सुरक्षा नियंत्रण कक्ष धनबाद से उन्हें सूचना प्राप्त हुई कि गाड़ी संख्या 13151 (अप) सियालदह-जम्मूतवी एक्सप्रेस में सामान्य कोच में एक बच्चा व एक बच्ची बिना अपने माता-पिता के ट्रेन में जा रहे हैं। दोनों को एस्कॉर्ट पार्टी अपने कब्जे में रखे हुए है। उसे हजारीबाग रोड रेलवे स्टेशन में उतारकर अग्रिम कार्यवाही का निर्देश प्राप्त हुआ। इसके बाद वह प्लेटफॉर्म ड्यूटी स्टाफ आरक्षी सुष्मिता रानी को लेकर उक्त गाड़ी को अटेंड किया और ऑन ड्यूटी एस्कॉर्ट पार्टी के आरक्षी अमरेश कुमार गुप्ता के साथ आरपीएसएफ से बच्चों को बरामद किया। पूछताछ में नाबालिग लड़का ने अपना नाम रिशभ राज उम्र लगभग सात वर्ष, अपनी बहन का आंचल, उम्र करीब चार वर्ष पिता छोटू कुमार और माता का नाम प्रियंका देवी बताया। इसके अलावा दोनों बच्चे अपना पता नहीं बता पाये। पूछने पर नाबालिग लड़के ने बताया कि वह अपने माता-पिता के साथ ट्रेन में चढ़ा था, लेकिन दोनों रास्ते में कहीं उतर गये।

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