गिरिडीह झारखण्ड राजनीति

झारखंड में अबतक किसी पार्टी को नहीं मिला है पूर्ण बहुमत, जोड़तोड़ कर बनती रही हैं सरकारें, 3 बार लग चुका है राष्ट्रपति शासन

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झारखंड बनने के बाद से अब तक विधानसभा के चार आम चुनावों में किसी एक दल को जनता ने पूर्ण बहुमत नहीं मिला। बहुमत के आंकड़े किसी भी एक दल के लिए दूर की कौड़ी रही। इस कारण झारखंड में हमेशा गठबंधन की ही सरकार बनती गई। ऐसा भी मौका आया कि दलों के बीच मनमुटाव के कारण मिल कर भी सरकार बनाने की स्थिति नहीं बनी। इस कारण झारखंड में तीन बार राष्ट्रपति शासन लगाना पड़ा।

2024 के विधानसभा चुनाव को लेकर अब तक जो स्थिति बन रही है, उसमें फिर इतिहास दोहराए जाने की संभावना है। इंडिया और एनडीए गठबंधन में शामिल किसी एक दल को पूर्ण बहुमत का आंकड़ा मिलता नहीं दिख रहा है। 81 सदस्यीय विधानसभा में किसी एक दल को बहुमत के लिए 41 सीटों का आंकड़ा प्राप्त करना अनिवार्य है।

राज्य में तीन बार ऐसे भी मौके आए, जब आपस में मिलकर पार्टियां सरकार बनाने के लिए जरूरी बहुमत का आंकड़ा नहीं जुटा सकीं। इस कारण तीन बार राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाना पड़ा। पहली बार 19 जनवरी 2009 से 29 दिसंबर 2009 लगभग एक साल तक, दूसरी बार एक जनवरी 2010 से 10 सितंबर 2010 लगभग नौ महीने तक और तीसरी बार 18 जनवरी 2013 से 13 जुलाई 2013 तक लगभग चह महीने तक राज्य में राष्ट्रपति शासन रहा।